रांची: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को हजारीबाग जिला में अवैध उत्खनन कार्य से हो रहे प्रदूषण रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए अधिकारियों को जमीनी स्तर पर काम करने का निर्देश दिया. कहा कि खानापूर्ति नहीं हो, बल्कि सही अर्थो में प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाया जाये. खंडपीठ ने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकार को और कुछ कहना हो, तो वह पूरक शपथ पत्र दायर कर सकती है. मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि प्रदूषण रोकने के लिए झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई की है. 30-35 क्रशर मालिकों को क्लोजर नोटिस दी गयी है. प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. वहीं प्रार्थी की ओर से सरकार के जवाब का विरोध किया गया. कहा कि सरकार सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. प्रदूषण रोकने की उसकी कोई मंशा नहीं है. प्रार्थी ने खंडपीठ से उचित आदेश देने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हेमंत सिकरवार ने जनहित याचिका दायर की है.