रांची: रांची ट्रेजरी की अड़चन की वजह से रांची जेल में बंदियों को दवाएं उपलब्ध कराने में दिक्कत हो रही है. वैसी दवाएं जो जेल अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं और जेल प्रशासन को बाहर से खरीदनी पड़ती है. रिटेल में खरीदी गयी ऐसी दवाओं के बिल का भुगतान ट्रेजरी द्वारा नहीं किया जा रहा है.
बिल भुगतान न करने का कारण वित्त विभाग के एक आदेश को बताया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि आपूर्तिकर्ता को भुगतान होने वाले विपत्र में चार प्रतिशत सेल्स टैक्स की कटौती न होने पर बिल का भुगतान न करे, जबकि रिटेल में दवा बेचनेवाले का कहना है कि वे जब दवाओं की खरीद करते हैं, उसी वक्त वैट के रूप में चार प्रतिशत टैक्स ले लिया जाता है.
जेल प्रशासन ने डीसी को लिखा पत्र
जेल अधीक्षक ने रांची के उपायुक्त को पत्र लिख कर कहा है कि स्थानीय बाजार से खरीदी गयी दवाओं के बिल का भुगतान पेड बाई मी के तहत किया जाता था, लेकिन 23 सितंबर के बाद से पेड बाई मी के तहत भेजे जानेवाले बिल का भुगतान ट्रेजरी द्वारा नहीं किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि स्थानीय बाजार से खरीदी गयी दवाओं के बिल से चार प्रतिशत टैक्स की कटौती की जाये, तभी बिल का भुगतान होगा. पत्र में यह भी कहा गया है कि उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल करने, मृत बंदियों के पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिग कराने समेत अन्य खर्चो को भी ट्रेजरी द्वारा लंबित रखा गया है. इन कारणों से पिछले डेढ़ माह से बीमार बंदियों को वैसी दवाएं, जो दवा भंडार में उपलब्ध नहीं है, उपलब्ध कराने में दिक्कत हो रही है. जेल चिकित्सक ने भी इस संबंध में सूचना दी है.
वित्त विभाग के नियम के आधार पर आपत्ति लगायी गयी है. इस मामले को लेकर हमने वित्त विभाग व उपायुक्त को भी पत्र लिख दिया है.
मीरा कुमारी, जिला कोषागार पदाधिकारी