Advertisement
झारखंड में ख़त्म होगी राजनीतिक सौदेबाजी, शाह-जेटली ने किया बीजेपी का चुनावी घोषणा-पत्र जारी
रांची : झारखण्ड विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज यहां अपना चुनावी घोषणा-पत्र जारी कर दिया. पार्टी ने इसे ‘जन घोषणा-पत्र’ का नाम दिया है. रांची के होटल बीएनआर चाणक्य में आज आयोजित कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, […]
रांची : झारखण्ड विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज यहां अपना चुनावी घोषणा-पत्र जारी कर दिया. पार्टी ने इसे ‘जन घोषणा-पत्र’ का नाम दिया है. रांची के होटल बीएनआर चाणक्य में आज आयोजित कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, सुदर्शन भगत, बीजेपी के अन्य नेताओं में भूपेन्द्र यादव, सरयू राय, सी पी सिंह, झारखंड राज्य भाजपा अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार राय के अलावा के झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे.
पार्टी के इस जन घोषणा-पत्र का विमोचन अमित शाह और अरुण जेटली ने किया. इसके अलावा इस घोषणा-पत्र का सरयू राय ने डिजिटल रूप में भी विमोचन किया.
अरुण जेटली के संबोधन की प्रमुख बातें
इस अवसर पर पार्टी की तरफ से पहले बोलते हुए अरुण जेटली ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने का सपना भाजपा ने ही देखा था और उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने छोटे राज्यों में शासन की सुगमता के महत्त्व को समझते हुए ही झारखंड समेत तीन नए राज्यों के गठन को निश्चित किया.
जेटली ने कहा कि अटल-आडवाणी के समय झारखण्ड के विकास को लेकर पार्टी ने जो सपना देखा था वो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पिछले 14 सालों में इस राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं होने से यहां अन्य दलों को सौदेबाजी करने का मौका मिला और इसी वजह से जब जिस दल को मौका मिला, तब उसने सौदेबाजी के बल पर अपनी सरकार बनायी. इस मामले में उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का नाम लेते हुए कहा कि झारखण्ड में सौदेबाजी की राजनीति उसी समय शुरू हो गयी थी जब राव ने अपनी सरकार बचने के लिए यहां के राजनेताओं से सौदेबाजी की थी.
अगर यहां भाजपा की सरकार होती तो इस राज्य का अब तक बहुत विकास हो चुका होता. जेटली ने कहा कि इस देश में अब चुनाव गणित का नहीं बल्कि केमिस्ट्री का मामला हो गया है. इस विषय पर जेटली ने अपने अनुभव साझा करते हुए ये कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुआई में कोई भी राजनीतिक विश्लेषक भाजपा को केंद्र में बहुमत मिलने से इंकार कर रहा था, लेकिन मोदी ने उसी समय ये बता दिया था कि देश की जमीनी हकीकत अब बदल चुकी है और पूरे देश में भाजपा के लिए अपार जन समर्थन है जिसे देश के राजनीतिक विश्लेषक नहीं समझ पाए हैं. यही वजह थी कि सारे अनुमानों को धता बताते हुए 30 साल बाद पूर्ण बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी की अगुआई में देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी. जेटली ने कहा कि झारखण्ड की जनता को भी इसी सोच के साथ इस राज्य में सौदेबाजी भरी सरकारों का अंत करते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार के लिए वोट देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि झारखण्ड के पास विकास के लिए सारे प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं, फिर भी पिछले दस सालों से यूपीए सरकार कि गलत नीतियों और कोयला खदानों के गलत आबंटन की वजह से राज्य को इसका हक़ नहीं मिला, जिसकी वजह से यहां औद्योगिक विकास नहीं हो सका.
उनकी सरकार ने यह नीति बनाई है अब जिस राज्य की कोयला खदानों की नीलामी होगी, उस राज्य को उस नीलामी की राशि का सौ फीसदी हिस्सा मिलेगा. जेटली ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार आने पर यहां उद्योग, शिक्षा, कृषि, आधार भूत संरचना, सड़क और रेल समेत हर क्षेत्र में विकास होगा. अरुण जेटली ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ा और जनता की तरफ से पार्टी को अप्रत्याशित सफलता मिली. पार्टी को झारखण्ड में भी अन्य राज्यों से और बेहतर सफलता मिलेगी.
क्या कहा अमित शाह ने
जेटली के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने संबोधन में झारखण्ड के घोषणा-पत्र को राज्य के लिए विकास का घोषणा-पत्र बताते हुए कहा कि बीजेपी संगठन अन्य राज्यों की तरह झारखण्ड में भी अपने दम पर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने को लेकर कटिबद्ध है. लोकसभा के चुनाव में झारखण्ड की जनता ने भाजपा को राज्य में ज्यादा सीटें देकर यह दिखा दिया है कि उसका समर्थन किसके लिए है. पार्टी का झारखण्ड के लिए जारी किया गया यह घोषणा-पत्र इस बात की झलक देता है कि जब पार्टी बहुमत के साथ यहां सरकार बनाएगी तो किस तरह इस राज्य का विकास करेगी.
शाह ने कहा कि देश और राज्यों में पिछले तीस बरस से अस्थिरता भरी सरकारों का शासन रहा है जिसकी वजह से देशभर में जाति, धर्म, प्रदेश और भाषा के नामपर लोगों को राजनीति करने का मौका मिलता रहा है लेकिन नरेंद्र मोदी ने पहले गुजरात में और अब दिल्ली में बहुमत के साथ सरकार बनाकर इस तरह की राजनीति के आयामों को बदलने का काम किया है. उन्होंने यह साबित किया है कि असली राजनीति विकास के नाम पर होती है. भाजपा विकास की राजनीति करती है और यही कारण है कि गुजरात, छतीसगढ़, मध्य-प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, वहां विकास हुआ है. झारखण्ड को लेकर भी पार्टी की यही सोच है. जिस तरह मात्र 5 महीनों के अन्दर नरेंद्र मोदी ने देश और दुनिया में सबका भरोसा जीता है उससे देश की छवि उज्जवल हुई है. लोग अब अपने प्रधानमंत्री और अफसरशाही पर भरोसा करने लगे हैं. झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से ही एक निर्दलीय विधायक को भी मुख्यमंत्री बन जाने का मौका मिला.
अमित शाह ने कहा कि मोदी ने कहा था कि देश में पूर्व और पश्चिम में बहुत फर्क है. देश का पश्चिमी भाग जितना विकसित है, पूर्वी भाग उतना ही पिछड़ा है. उनकी ये सोच है कि पूर्व को भी पश्चिम कि तरह से ही विकसित करना है. झारखण्ड में बहुमत वाली भाजपा कि सरकार आने पर झारखण्ड विकसित होगा और इसके साथ ही पूर्व का भी विकास होगा. झारखण्ड के लिए भाजपा का ये घोषणा-पत्र ही विकास का घोषणा-पत्र बनेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement