रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होने से बिजली, सड़क व जलापूर्ति योजना सहित कई अन्य निविदाएं रद्द कर दी गयी हैं.
झारखंड राज्य विद्युत वितरण लिमिटेड की ओर से 670 करोड़ रुपये की लागतवाली निविदा की तिथि तीसरी बार बढ़ा दी गयी है. इसी तरह डेढ़ दर्जन से अधिक निविदाएं रद्द कर दी गयी हैं. इसमें आधा दर्जन से अधिक निविदा सड़क निर्माण से संबंधित हैं.
राज्य विद्युत वितरण लिमिटेड की ओर से बैटरी चाजर्र, 21 सौ बिजली पोल, इलेक्ट्रिक लाइन मैटीरियल्स की खरीद के कई टेंडर भी आदर्श आचार संहिता की वजह से रद्द कर दी गयी हैं. राजधानी रांची समेत राज्य के 39 से अधिक स्थानीय निकायों में ई-गवर्नेस की व्यवस्था शुरू करने का टेंडर भी रद्द कर दिया गया है. नेशनल अरबन लाइवलीहुड मिशन (एनयूएलएम) के तहत रीसोर्स ऑर्गेनाइजेशन की नियुक्ति का मामला भी लटक गया है. जल संसाधन विभाग की ओर से आमंत्रित तेनुघाट प्रमंडल में तेनुघाट-बोकारो कैनाल की 350 करोड़ से अधिक की निविदा भी फंस गयी है. यह निविदा तीन नवंबर को खोली जानी है. बताया जाता है कि पांच कंपनियों ने इसके लिए आवेदन दिया है. पाकुड़ के हिरणपुर में बननेवाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण कार्य भी अधर में लटक गया है. इतना ही नहीं राजधानी रांची में बननेवाले बस टर्मिनल की निविदा भी स्थगित कर दी गयी ह
सड़कों का निर्माण भी फंसा
राज्य सरकार की ओर से आमंत्रित आधा दर्जन से अधिक सड़कों के निर्माण कार्य और मरम्मत का काम भी चुनाव की वजह से लटक गया है. पलामू प्रमंडल के मनिका से लेकर हेरहरगंज तक 32.47 किलोमीटर तक की सड़क का निर्माण का काम भी फंस गया है. यह सड़क 65 करोड़ की लागत से बननेवाली थी. इसके अलावा खेलगांव में 3.80 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य भी 5.81 करोड़ की लागत से किया जाना था. ओरमांझी से उलातू तक की सड़क, गोड्डा में लाठीबाड़ी से लाठीबाड़ी बंगालीटोला तक की सड़क, गोड्डा में ही मेन रोड से लेकर चोरबाद तक की सड़क, रामनगर से तोचाकेश्वरी रोड (गोड्डा) तक की सड़क का निर्माण कार्य भी आदर्श आचार संहिता के कारण फंस गया है.