रांची: आदिवासी सरना धर्म समाज की बैठक मंगलवार को मोरहाबादी स्थित सामुदायिक भवन में हुई. बैठक में सीएनटी एक्ट में संशोधन के प्रस्तावों का विरोध किया गया.
इसके अलावा आदिवासी समाज के संपन्न वर्ग के द्वारा अपने ही समुदाय के शोषण पर चिंता प्रकट की गयी. इस अवसर पर निर्णय लिया गया कि 11 नवंबर को सीएनटी एक्ट की वर्षगांठ को भूमि अधिकार दिवस के रूप में मनाया जायेगा. वहीं, अगले साल 15 फरवरी को सीएनटी एक्ट बचाओ, सरना समाज बचाओ सम्मेलन का आयोजन होगा. सीएनटी एक्ट में अब तक हुए संशोधन के प्रभावों का आकलन के लिए भी कार्यक्रम आयोजित होंगे. आज की बैठक में संगठन के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि आदिवासी समुदाय पर सुनियोजित ढंग से हमला हो रहा है.
पहले आदिवासी समाज दूसरे समुदाय द्वारा प्रताड़ित होता था पर अब आदिवासी समाज के शिक्षित व संपन्न वर्ग भी लुटेरों की भूमिका में नजर आ रहे हैं. शिक्षित व संपन्न आदिवासियों की जिम्मेदारी थी कि वे समाज में अगुआ व मार्गदर्शक की भूमिका में रहते. पाहन जगलाल ने कहा कि आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों के लिए एक बार फिर से संघर्ष करेगा. बैठक को सुनील टोप्पो, बहादुर मुंडा, अभय भुंटकुंवर सहित अन्य ने भी संबोधित किया.