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प्रीति केस: पुलिस पर केस कराने गये अजीत को थाने से भगाया, कहा दूसरे थाने में जाकर करो केस

रांची: चुटिया निवासी प्रीति की कथित हत्या के मामले में झूठे केस में फंसाने और प्रताड़ित करने को लेकर जेल जा चुका अजीत दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराने रविवार को धुर्वा थाना पहुंचा. धुर्वा थाना पुलिस ने उसका आवेदन लेने से इनकार कर दिया. पुलिस उससे पूछने लगी: धुर्वा थाने में ही केस […]

रांची: चुटिया निवासी प्रीति की कथित हत्या के मामले में झूठे केस में फंसाने और प्रताड़ित करने को लेकर जेल जा चुका अजीत दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराने रविवार को धुर्वा थाना पहुंचा.

धुर्वा थाना पुलिस ने उसका आवेदन लेने से इनकार कर दिया. पुलिस उससे पूछने लगी: धुर्वा थाने में ही केस कराना जरूरी है क्या, दूसरे थाने में जाओ. पुलिस कर्मियों ने उसे थाने से भगा दिया.

भुक्तभोगी अजीत के अनुसार थाने से भगाये जाने के बाद जब उसने धुर्वा इंस्पेक्टर को फोन किया, तब इंस्पेक्टर ने कहा कि वह अभी छापेमारी में हैं, इसलिए अभी थाना नहीं आ सकते हैं. इंस्पेक्टर ने अजीत को सोमवार को 9.30 बजे आने को कहा. अजीत के अनुसार उसे झूठे केस में प्रताड़ित करनेवाले चुटिया के पूर्व थानेदार कृष्ण मुरारी, केस के अनुसंधानक, बंडू के तत्कालीन थानेदार, एक डीएसपी और प्रीति के पिता सुरेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराना है. कुछ वैसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज कराना है, जिन्होंने उसके साथ मारपीट की थी.
क्या था मामला
बंडू थाने में गत 14 फरवरी को एक अज्ञात महिला का शव बरामद हुआ था. शव की शिनाख्त चुटिया निवासी सुरेश सिंह से अपनी बेटी प्रीति के रूप में की थी.पुलिस ने प्रीति की हत्या के आरोप में धुर्वा के अजीत और अमरजीत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं अभिमन्यु ने न्यायालय में सरेंडर किया था. बाद में प्रीति को जिंदा पाया गया था. इसके बाद केस सीआइडी को सौंपा गया. सीआइडी ने अनुसंधान में तीनों को निदरेष पाया. अनुसंधान के दौरान अजीत और अमरजीत ने सीआइडी को बयान दिया था. उन्हें हत्या के झूठे केस में जेल भेजने से पहले पुलिस ने काफी प्रताड़ित किया था. इसके बाद सीआइडी के अफसरों ने निदरेष युवकों को पुलिस अफसरों पर केस दर्ज कराने को कहा है.
ग्रामीण एसपी से भी किया था अनुरोध
अजीत ने कहा कि जब उसे और अमरजीत को गिरफ्तार कर नामकुम थाना ले जाया गया, तब ग्रामीण एसपी भी पूछताछ करने पहुंचे थे. अजीत ने कहा कि उसने ग्रामीण एसपी से कहा था कि वह बेकसूर है. इसके बावजूद ग्रामीण एसपी ने उसकी किसी बात को मानने से इनकार कर दिया था. पूछताछ के बाद ग्रामीण एसपी थाना से चले गये थे, जिसके बाद दोनों को जेल भेजा गया था.
छापेमारी में होने के कारण मैं व्यस्त था. मैंने अजीत से कहा कि वह आवेदन दे. थाना पहुंचने के बाद केस दर्ज होगा.
गरीबन पासवान, इंस्पेक्टर

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