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अब हाथी बना सजल चक्रवर्ती का साथी

रांची: अपने पशु प्रेम के लिए मशहूर राज्य के मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को नया साथी मिल गया है. बंदर और कुत्ते के बाद इस बार श्री चक्रवर्ती का दिल हाथी पर आया है. राखी नाम के उस छोटे से हाथी की उम्र केवल तीन महीने है. बिजली गिरने की वजह से राखी की मां […]

रांची: अपने पशु प्रेम के लिए मशहूर राज्य के मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को नया साथी मिल गया है. बंदर और कुत्ते के बाद इस बार श्री चक्रवर्ती का दिल हाथी पर आया है. राखी नाम के उस छोटे से हाथी की उम्र केवल तीन महीने है.

बिजली गिरने की वजह से राखी की मां मर गयी थी. इसी वर्ष रक्षा बंधन के दिन राखी बेतला के जंगल में एक गड्ढे में फंसी मिली थी. श्री चक्रवर्ती के निजी प्रयास से उसे वन विभाग ने गोद लिया. उसके बाद से वह नियमित रूप से उसका ध्यान रखने लगे. राखी को मिलनेवाले भोजन का पूरा हिसाब सजल लेते हैं. केले खाने से राखी को गैस की समस्या होती है, यह भी सजल को पता है. उसको मिलनेवाले दूध की मात्रा का भी वह पूरा ध्यान रखते हैं. नियमित रूप से राखी से मिलने बेतला जाते हैं. राखी की तबीयत खराब रहने का पता चलने पर तुरंत उसे देखने निकल पड़ते हैं. दुर्गा पूजा के दौरान राखी से मिलने ही मुख्य सचिव बेतला चले गये थे.

सजल के प्रयास से बची राखी की जान : अगस्त महीने में वज्रपात से हुई मां की मृत्यु के बाद राखी एक गड्ढे में फंसी थी. गांववालों को वह घायल हालत में मिली थी. उसके घावों में इनफेक्शन हो गया था. वह लंगड़ा कर चलती थी. उसी समय सजल चक्रवर्ती किसी काम से पलामू जा रहे थे. उनको राखी के बारे में पता चला, तो वह बेतला चले गये.

राखी को देख कर उनका पशु प्रेम जाग उठा. उन्होंने डॉक्टर को बुलाया. सुबह चार बजे डॉक्टर को बुलाने के लिए अपनी गाड़ी भेज दी. उपचार के बाद उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से बात कर राखी के पालन-पोषण का इंतजाम किया. बेतला में संविदा पर एक कर्मचारी को राखी की देखभाल के लिए नियुक्त कराया. अब राखी बिल्कुल स्वस्थ है. सजल समय-समय पर उसका हाल-चाल लेते रहते हैं.

हो गयी है पूरी जान-पहचान : राखी नाम का छोटी सी राखी (हाथी का बच्‍चा) सजल चक्रवर्ती को बखूबी पहचानती है. श्री चक्रवर्ती को देख कर वह खुशी से आवाज लगाती है. उनके बगल में खड़ी हो जाता है. उनके हाथों को अपने सूंढ़ से पकड़ कर जैसे प्यार भरा स्पर्श मांगती है. श्री चक्रवर्ती भी राखी को पूरे मन से दुलारते हैं. अपने हाथों से उसको खिलाते हैं. उसके बाद वह उसे पुचकारते हुए उसके खाने-पीने के बारे में दरियाफ्त करते हैं. महावत से राखी की तबीयत के बारे में पूछते हैं.

मुङो पशुओं से प्यार है. उनमें मुङो अपनत्व दिखायी देता है. राखी पहले दिन ही मेरे पास आ गयी थी. उससे मेरा लगाव हो गया है. उसकी देख-रेख करना मुङो अच्छा लगता है. मैं राखी को पालने के लिए पैसे खर्च नहीं करता, बस उसका थोड़ा ध्यान रख लेता हूं.

सजल चक्रवर्ती, मुख्य सचिव

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