दुमका: लोकसभा व विधानसभा चुनाव 2009 के बाद 2014 के भी लोकसभा चुनाव में बड़ी वारदातों को अंजाम देने में सफल रहे भाकपा माओवादी संगठन का इरादा आनेवाले विधानसभा चुनाव में दुमका जिले में फिर एक बड़ी वारदात को अंजाम देने का था. यह खुलासा भाकपा माओवादी संगठन के पूर्वोत्तर बिहार व पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य व हार्डकोर नक्सली प्रवील दा की गिरफ्तारी से हुआ है.
उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को न सिर्फ अहम जानकारी मिली है, बल्कि संताल परगना क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों और उसकी कई भावी रणनीति का भी खुलासा हुआ है. नक्सली संगठन प्रवील दा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जो जानकारी मिली है, उससे इस क्षेत्र में नक्सलियों से निबटने में काफी मदद मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है.
पाकुड़ एसपी हत्याकांड जैसे मामलों में संलिप्तता
प्रवील दा ने स्वीकारोक्ति बयान में 2008 में शिकारीपाड़ा थानेदार शमशाद अंसारी व अन्य पुलिसकर्मियों की हत्या, 2009 में विस चुनाव के दौरान पुलिस पार्टी पर हमला कर इंसास की लूट व चौकीदार की हत्या, लोकसभा चुनाव के दौरान आरओपी में लगे बीएसएफ जवानों की हत्या व हथियार की लूट, 2010 में तालपहाड़ी में जामा थानेदार सतानंद सिंह की हत्या, 2013 में पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार व अन्य पांच पुलिसकर्मियों की हत्या तथा 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान लैंडमांइस विस्फोट कर पेट्रोलिंग पार्टी व मतदानकर्मियों पर हमला कर आठ लोगों की हत्या व हथियारों की लूट मामले में संलिप्तता स्वीकार की है.
हरवाडंगाल से गिरफ्तारी
प्रवील दा की गिरफ्तारी दुमका जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के हरवाडंगाल गांव से की गयी है. रविवार को दुमका प्रक्षेत्र की डीआइजी प्रिया दूबे व एसपी अनूप टी मैथ्यू ने संयुक्त रूप से पत्रकार सम्मेलन कर बताया कि प्रवील दा की गिरफ्तारी दुमका ही नहीं पूरे राज्य की पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. डीआइजी प्रिया दूबे ने बताया कि प्रवील दा दुमका जिला में 22, पाकुड़ जिले में पांच तथा गिरिडीह जिले के एक मामले में वांछित था. गिरिडीह में उसके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या और भी होगी, जिसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है.