रांची: कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता ने शनिवार को झारखंड के 12 वें मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. राजभवन के बिरसा मंडप में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में राज्यपाल डॉ सैयद अहमद ने श्री गुप्ता को शपथ दिलायी.
इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त मंत्री राजेंद्र सिंह, श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी, मानव संसाधन मंत्री गीताश्री उरांव, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस व झामुमो के कार्यकर्ता उपस्थित थे. शपथ ग्रहण समारोह में श्री गुप्ता अपने पूरे परिवार के साथ आये थे.
कम समय में बहुत कुछ किया जा सकता है : बन्ना
शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि भले ही कम समय हो. पर कम समय में ही बहुत कुछ किया जा सकता है. कम समय में विकास भी किया जा सकता है और विनाश भी. उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति हो तो राज्य की जनता के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है. श्री गुप्ता ने कहा कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है. वह जनता के हित में बेहतर से बेहतर करने का प्रयास करेंगे. पहले मंत्री नहीं बनाये जाने के मुद्दे पर श्री गुप्ता ने कहा कि उन्हें कोई मलाल नहीं है. पार्टी के एक सिपाही के नाते उन्हें जो भी आदेश मिलता है वह पूरा करते हैं.
उचित समय पर आरोपी मंत्रियों पर फैसला : सीएम
रांची: रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल से संबंध होने के आरोपी मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान के मुद्दे पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस विषय पर उनकी नजर है. उचित समय पर निर्णय लिया जायेगा.
किसी के कहने भर से कार्रवाई नहीं होती. श्री सोरेन राजभवन के बिरसा मंडप में बन्ना गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. उनसे पूछा गया था कि योगेंद्र साव को हटा कर बन्ना गुप्ता को मंत्री बनाया गया, तब आरोपी अन्य दो मंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम आरोप लगाना होता है.
कम समय में काम
सीएम ने कहा कि इस सरकार को कम समय मिला. पर जनता की अपेक्षा को पूरा करने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. कम समय में काम करना चुनौती भरा होता है. जो चुनौतियों का सामना करता है वही सफल होता है.
गंठबंधन के पक्ष में
सीएम ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए वह गंठबंधन के पक्ष में हैं. जो सत्ता में होता है उसका प्रयास होता है कि विपक्ष को और पीछे धकेले और जो विपक्ष में होता है उसका प्रयास सत्ता पक्ष को हटाने में होता है. झारखंड में भाजपा की कोई लहर विधानसभा चुनाव में नहीं होगी.