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बन्ना गुप्ता: टेंपो चालक संघ के नेता से लेकर मंत्री तक का सफर

15 वर्षो से टेंपो चालक संघ के अध्यक्ष रहे बन्ना गुप्ता उर्फ ब्रजेश गुप्ता अब हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री बन रहे हैं. शनिवार को उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलायी जायेगी. छात्र जीवन से अबतक वे गरीबों और असहायों की आवाज बुलंद करते रहे. बन्ना गुप्ता जन आंदोलन की उपज हैं. जनमुद्दों पर […]

15 वर्षो से टेंपो चालक संघ के अध्यक्ष रहे बन्ना गुप्ता उर्फ ब्रजेश गुप्ता अब हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री बन रहे हैं. शनिवार को उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलायी जायेगी. छात्र जीवन से अबतक वे गरीबों और असहायों की आवाज बुलंद करते रहे. बन्ना गुप्ता जन आंदोलन की उपज हैं. जनमुद्दों पर 15 सालों से लगातार सड़क पर दिखे, धरना, प्रदर्शन, अनशन किया, लाठियां खायीं, कई बार जेल गये. रिपोर्ट : कुमार आनंद.

लक्की है लाल रंग की सूमो
बन्ना गुप्ता हमेशा लाल रंग की सूमो इस्तेमाल करते हैं. वह इस कलर की गाड़ी को लक्की मानते हैं. उनके पास लक्जरी गाड़ियां भी हैं. मगर हमेशा वे लाल रंग की सूमो का ही इस्तेमाल करते हैं.

फ्लाइओवर प्राथमिकता में: बन्ना

सवाल: मंत्री बनने के बाद आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?

जवाब : योजनाओं व उसके कार्यान्वयन में पारदर्शी तरीका अपनायेंगे. भ्रष्टाचार मुक्त सिस्टम देने का पहला प्रयास होगा. यूपीए सरकार की सोच को लागू करेंगे. दूसरा जमशेदपुर में दो-चार फ्लाई ओवर बने, यह मेरी प्राथमिकता है. ट्राफिक जाम से स्थायी मुक्ति और शून्य दुर्घटना वाला शहर बनाना चाहूंगा. मानगो, जुगसलाई को लेकर ग्रेटर जमशेदपुर बने. जमशेदपुर में लंबे समय से जमशेदपुर सिटी यूनिवर्ससिटी बनाने की मांग है, उस पर काम करूंगा. इससे क्वालिटी के साथ उच्चतर शिक्षा मुहैया हो सके. उच्च शिक्षा के लिए पलायन रूके .मानगो में पावर ग्रिड की योजना लंबित है, उसे जल्द धरातल पर उतारूंगा. जमशेदपुर में सरकारी अस्पताल का सिस्टम बदलने की दिशा में काम करेंगे. सरकारी अस्पताल में क्वालिटी की चिकित्सा सुविधा मिले, लोगों का विश्वास बनाने की दिशा में काम करेंगे.

सवाल : दो-तीन माह के कम समय से कार्यकाल में आप किन काम को पहले करें, जिससे छाप छूट जाये?

जवाब : देखिये, मैं किसी को कहने के बजाय करने और उसे पूरा करने में विश्वास करता हूं. विधायक काल में मेरी पहचान मेरे काम से हुई है. चूंकि मुङो काम करने की कम वक्त मिल रहा है, इस कारण दिन-रात काम करूंगा. आम लोगों का विश्वास पर खरा उतरने का पूरा विश्वास करूंगा.

सवाल : सिर पर झारखंड विधान का चुनाव है, विभागीय काम और चुनाव तैयारी में संतुलन कैसे बनायेंगे?

जवाब: काम और चुनाव लड़ने के लिए पूरा बैलेंस होगा. मैं वैसा स्टूडेंट हूं, जो पांच वर्ष से एक-एक दिन कड़ी मेहनत कर पढ़ा है. रोजना सुबह शाम 2-2 घंटे जनता से मिलता हूं. इस कारण अब चुनावरूपी परीक्षा से कोई डर नहीं है.

सवाल : ये लाल रंग की सूमो लक्की गाड़ी का क्या चक्कर है?

जवाब : शुरू से मैं लाल रंग का सूमो गाड़ी में जनता का काम किया हूं. क्षेत्र में मेरी पहचान लाल रंग की सूमो गाड़ी से है. इस कारण शनिवार को मंत्री बनने के लिए मैं लाल सूमो से रांची जा रहा हूं.

आचार संहिता उल्लंघन मामले में बरी : विधायक बन्ना गुप्ता व कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रवींद्र कुमार झा उर्फ नट्ट झा को आचारसंहिता के एक मामले में शुक्रवार को बरी कर दिया गया. मामले की सुनवाई कर रही प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी एम कुमार की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए दोनों को बरी किया है.

दबे कुचलों की आवाज बने मेरा बेटा : रामगोपाल गुप्ता
कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता के पिता रामगोपाल गुप्ता बहुत खुश हैं. काफी उम्र हो गयी है. मगर उनकी दिनचर्या पूर्ववत है. प्रभात खबर से बातचीत में वह कहते हैं कि बेटा के मंत्री बनने से खुश हूं. मगर उस दिन अधिक खुशी मिलेगी, जिस दिन उनका बेटा गरीबों, दबे-कुचलों की आवाज बन जायेगा. उन्होंने कहा कि मैंने बन्ना को एक पिता के साथ मां का भी प्यार दिया है. 10 साल पहले वह सारे परिवार को छोड़ कर चली गयी थी. मैं बच्चों को दोनों का प्यार दे रहा हूं.

केदार दास के आदर्श पर चले
उन्होंने कहा कि उनका बेटा निडर है. अन्याय के खिलाफ हमेशा आवाज उठाता रहा है. अब सरकार में है, तो उम्मीद करेंगे कि वह और अधिक जिम्मेवारी के साथ समाज का भला करे. मंत्री का सुख भोगने के बजाय जुल्म, अन्याय का खात्मा करे. उसका मुकाबला सड़क पर करे. वह चाहते हैं कि उनका बेटा कॉमरेड केदार दास व प्रोफेसर अब्दुल बारी के बताये रास्ते पर चले.

अधिक नहीं पढ़ पाने का गम है
बन्ना बचपन से ही सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगा था. इसका असर उसकी पढ़ाई पर पड़ा. वह मैट्रिक तक ही पढ़ पाया. इस बात का उन्हें मलाल है और रहेगा. चाहते थे वह भी पढ़-लिखकर आगे बढ़े. बड़ा बेटा पढ़-लिखकर डॉक्टर बना. उम्मीद थी कि बन्ना भी कुछ करेगा, लेकिन सामाजिक कार्यो में व्यस्त रहने के कारण वह पढ़ाई नहीं कर पाया. हालांकि मैं उसके जीवन से संतुष्ट हूं.

‘महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए कहूंगी’
बन्ना गुप्ता की पत्नी सुधा गुप्ता से यह पूछे जाने पर कि बन्ना अब मंत्री बन रहे हैं. उनसे आप क्या अपेक्षा रखती हैं. तो उन्होंने कहा कि मैं उनसे गरीबों, बेसहारों के अलावा महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने के लिए कहूंगी. महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करने को कहूंगी. श्रीमती सुधा गुप्ता ने कहा कि दिन हो या रात हमेशा वे(बन्ना) दूसरों के लिए कुछ करने की तमन्ना रखते हैं. वे जब विधायक नहीं थे, उस समय भी 12-14 घंटे जनता की सेवा में व्यस्त रहते थे. उम्मीद है आगे भी पूर्व की तरह ही जनसेवा में समय देंगे और जनता का अधिक से अधिक काम करेंगे. बन्ना की व्यस्तता के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता के अलावा घर के हर एक की जरूरतों को पूरा करने में भी वे कभी पीछे नहीं रहते हैं.

खाने में नेनुआ, लौकी पसंद

श्रीमती गुप्ता ने कहा कि उन्हें (बन्ना गुप्ता) सादा खाना पसंद है, खासकर हरी सब्जी में नेनुआ, लौकी की सब्जी काफी चाव से खाते हैं.

पूजा के बाद ही घर से निकलते

श्रीमती गुप्ता ने कहा कि परिवार की कुलदेवी मां दुर्गा हैं, जिसकी नियमित पूजा पाठ और आशीर्वाद लेकर ही वे घर से निकलते हैं.

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