रांची: रांची पुलिस ने बुंडू थाना क्षेत्र से बरामद जिस शव को प्रीति का शव बताया था, वह शव किस महिला का है, इसका अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.
रांची पुलिस ने इस मामले में तीन बेकसूर युवकों को जेल भेज दिया था, लेकिन जब प्रीति जिंदा वापस आ गयी थी, तब सरकार ने मामले की सीआइडी जांच का आदेश दिया था. इसमें सीआइडी से कहा गया था कि वह यह पता करे कि जिस महिला के शव को पुलिस ने प्रीति का बताया, वह किसका था. महिला के शव की पहचान के लिए सीआइडी ने घटनास्थल से बरामद मोबाइल फोन को जांच के लिए हैदराबाद स्थित एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) में भेज दिया है. सीआइडी के एडीजी एसएन प्रधान के अनुसार बरामद मोबाइल जल हुआ है. हैदराबाद से जांच रिपोर्ट आने के बाद यह पता चलेगा कि घटनास्थल से बरामद मोबाइल सेट का इस्तेमाल कौन कर रहा था. उसमें किस नंबर का सिम इस्तेमाल हो रहा था. इसके बाद ही पता चल पायेगा कि शव किस महिला का था.
घटनाक्रम
14 फरवरी : चुटिया निवासी प्रीति अपने दोस्त प्रदीप के साथ पलामू गयी.
15 फरवरी : बुंडू इलाके में एनएच के किनारे अज्ञात महिला का शव मिला.
16 फरवरी : प्रीति के पिता सुरेश सिंह ने कथित रूप से शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में की.
17 फरवरी : पुलिस ने प्रीति के दोस्त अजीत और अमरजीत को गिरफ्तार किया. चाजर्शीट भी दाखिल कर दी.
15 मई : पुलिस के दबाव में कथित हत्या के तीसरे आरोपी अभिमन्यु उर्फ मोनू ने कोर्ट में सरेंडर किया.
14 जून : कुछ लोगों ने प्रीति को रिम्स परिसर से पकड़ा और पुलिस को सौंप दिया. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे.
16 जून : प्रीति के पिता सुरेश सिंह बयान से मुकरे, कहा कि पुलिस ने जबरन दूसरे के शव को मुङो सौंप दिया.
17 जून : डीजीपी ने पूरे मामले की सीआइडी जांच का आदेश दिया.