रांची: शहर की सड़क व नाली की 25 योजनाएं लटक सकती हैं. अभी इसके निर्माण को लेकर संशय है. ऐसे में लोगों को टूटी सड़कों पर ही चलना होगा, क्योंकि फिर इस योजना में पहले वाली कंपनी एआरएसएस (ओड़िशा) ने ही टेंडर भरा है. इस बार भी उसने 21 फीसदी अधिक रेट भरा है. पहले उसने 22 फीसदी अधिक रेट भरा था.
तब 110 करोड़ रुपये पर टेंडर हुआ था. इस बार इस्टीमेट छह करोड़ रुपये बढ़ गया है. यानी 116 करोड़ रुपये पर टेंडर हुआ है. पहले इस कंपनी को काम देने पर सरकार को 134 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता, अब 140 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ेगा.
रेट अधिक होने पर नहीं दिया था काम
पथ निर्माण विभाग ने रेट अधिक होने की वजह से काम देने से इनकार कर दिया था. विभाग का कहना था कि 22 फीसदी अत्यधिक रेट है. इतने अधिक रेट पर काम देना ठीक नहीं है, इसलिए काम नहीं दिया गया. फिर वही स्थिति हो गयी है. इस बार तो पहले की तुलना में छह करोड़ रुपये रेट अधिक हो गया है. ऐसे में इस बार फिर उसे काम नहीं मिलेगा. यानी नये सिरे से टेंडर निकालना होगा. टेंडर होने से लेकर काम समाप्ति होने तक लोगों को जजर्र सड़कों से आना-जाना होगा.
फंस सकता है आचार संहिता में : शहर की इन महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर विभाग दो-तीन महीने से लगा हुआ है. इस पर विचार हो रहा है कि नये सिरे से इसके लिए टेंडर किया जाये. हालांकि इसमें देरी होने पर मामला आचार संहिता में फंस सकता है. आनन-फानन में टेंडर होकर काम शुरू नहीं कराया गया, तो काम फंसेगा.
नियमों में फंसा बूटी मोड़-कांटाटोली रोड
बूटी मोड़ से कांटाटोली चौक तक की सड़क सरकारी नियमों के चक्कर में फंस गयी है. सड़क टूटती जा रही है, पर नियमों का हवाला देकर सब चुप्पी साधे हुए हैं. इसे बनाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. यहां तक कि सड़कों पर बने गड्ढे भरने के लिए अस्थायी उपाय भी नहीं किये जा रहे हैं. गड्ढे दिनों दिन बड़े होते जा रहे हैं. सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. सड़क निर्माण से जुड़े अधिकारी व विभाग चुप्पी साधे हुए हैं.