जमशेदपुर: पूरे शहर में करमा पूजा महोत्सव की गूंज सुनाई देने लगी है. आदिवासी मुंडा व उरांव समाज बहुल क्षेत्र में करमा राजा के स्वागत में गीत गाये जा रहे हैं.
शुक्रवार को करमा राजा घर आंगन व अखाड़ा में आयेंगे और आशीष देंगे. समाज के अखाड़ा में करमा डाली की स्थापना कर पूजा अर्चना की जायेगी व नृत्य गीत संगीत से उत्सव मनाया जायेगा. गुरुवार को समाज के लोग अपने क्षेत्र के जंगल में गये और करमा राजा को निमंत्रण दिया.
पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना कर करम डाली को चिह्न्ति कर उसमें सफेद धागा बांधा. राजा से करमा पूजा के दिन आने का आग्रह किया. शुक्रवार की दोपहर को मांदर व नगाड़े की थाप पर नृत्य करते हुए समाज के लोग जंगल में जायेंगे और करमा-धरमा के नाम से दो करम डाली काट कर लायेंगे.
करमा राजा को निमंत्रण देने जाने वालों में जगदीश मुंडा, संतोष सामंत, देवराज मुंडा, मनोज मुंडा, विशाल सोलंकी, रतन सामंत, कृष्ण सिंह मुंडा, जयनारायण मुंडा, दीपक शंख, करम सिंह मुंडा, प्रकाश सांडिल, गंगा सामंत, आरती सोलंकी, दुर्गा कच्छप व अन्य शामिल थे. जावारानी माता की सेवा व श्रृंगार किया. गुरुवार को आदिवासी मुंडा व उरांव समाज की महिलाओं ने तीन पहर माता जावारानी की सेवा की व नये-फूलों से श्रृंगार किया. महिलाओं ने रात्रि जागरण किया. करम गीत गाकर माता का आह्वान किया. पूजा के 11 दिन पूर्व से व्रत करने वाली महिलाएं शारीरिक व मानसिक शुद्धिकरण कर पूजा की तैयारी करती हैं. मां की पूजा करने वाली महिलाएं पूजा में प्रयुक्त होने वाले जाै, धान, मटर, मकई, गेहूं, चना, कुड़थी दाल, सरसो, तिल आदि चीजों को ग्रहण करने से परहेज करती हैं. मांदर की थाप पर नृत्य कर उत्सव का लुत्फ उठाया .
युवतियों ने गुरुवार को आधी रात तक जागरण किया. उसके बाद हर उम्र के लोगों ने मांदर व नगाड़े की थाप पर करम गीत-संगीत पर नृत्य किया. मानगो, उलीडीह, छायानगर, भालूबासा, सीतारामडेरा, एग्रिको, बागुन नगर, बागुनहातु, बारीडीह जायरा टोला, बिरसानगर, खुंटाडीह-सोनारी, साधूडेरा, कदमा, साकची व सोपोडेरा में करम उत्सव की धूम रही. देर रात तक नाच गान का सिलसिला चलता रहा.
राजा हरिशचंद्र की कहानी बतायेंगे. शुक्रवार को समाज के पुरोहित लोगों को राजा हरिशचंद्र की कथा बतायेंगे. ताकि समाज के लोगों में अच्छे विचार आये.उनके द्वारा किये गये कार्य समाज हित में हो.