रांची. कृषि मंत्री सह बड़कागांव के विधायक योगेंद्र साव ने उग्रवादी संगठन से संबंध के मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की है. श्री साव ने कहा है कि यदि सरकार या सीएम चाहें, तो वह एक मिनट में इस्तीफा दे देंगे.
इस मामले का पटाक्षेप होना चाहिए. सरकार को पूरे मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करानी चाहिए. इसमें सीबीआइ भी हो सकती है. पुलिस पदाधिकारियों पर हमें विश्वास नहीं है. रामगढ़, हजारीबाग और चतरा के एसपी हमारी बातें नहीं सुनते हैं. नेपाल हाउस स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मंत्री ने कहा कि बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा की नजर है. राज्य के कुछ वरीय अधिकारी भाजपा के दिशा-निर्देश पर काम कर रहे हैं.
वैसे अधिकारी ही हमलोगों को फंसाने में लगे हुए हैं. हमने हजारीबाग के एसपी को हटाने के लिए कई बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन बातें नहीं सुनी जा रही है. मुख्यमंत्री की भी अपनी बाध्यता है. गंठबंधन सरकार में सबको देखना पड़ता है. यह पूछे जाने पर कि राजकुमार गुप्ता ने आप पर गंभीर आरोप लगाये हैं? श्री साव ने कहा कि मारपीट कर कुछ भी बोलवाया जा सकता है. हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि हम किसी को सहयोग करें.
उग्रवादी संगठन बनाने में नाम आने पर गरमायी राजनीति, योगेंद्र पर कार्रवाई संभव
रांची: हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस की ओर से शामिल मंत्री योगेंद्र साव पर गाज गिर सकती है. श्री साव का नाम हजारीबाग में चल रहे एक उग्रवादी संगठन को संरक्षण देने में सामने आया है. पार्टी ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लिया है. मिली सूचना के मुताबिक पार्टी इस पूरे मामले की जांच करायेगी. जांच का जिम्मा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दिये जाने की तैयारी है.
पूर्व विधायक और विधायक दल के नेता रहे पार्टी पदाधिकारी से जांच करायी जा सकती है. जांच रिपोर्ट भी दो-तीन दिनों के अंदर मांगने की तैयारी है. जांच रिपोर्ट को आधार बना कर केंद्रीय नेतृत्व से पूरे मामले में निर्देश मांगा जायेगा. पार्टी के अंदर मंत्री योगेंद्र साव पर लगे आरोपों पर कई बड़े नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के मामले से संगठन को होने वाले नुकसान की भरपाई का भी तरीका निकाला जा रहा है.
बताते चलें कि पहले भी योगेंद्र साव के कारण पार्टी की किरकिरी हो चुकी है. विवादों में रहनेवाले मंत्री श्री साव को पहले भी हिदायत दी गयी है. प्रदेश प्रभारी बीके हरि प्रसाद से लेकर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने श्री साव को फटकार लगायी थी.
भाजपा ने खोला मोरचा, बोले राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादवमंत्रियों को बरखास्त करें सीएम
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं सह चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की संवैधानिकता पर सवाल खड़ा हो गया है. सरकार नैतिक समर्थन खो चुकी है. सरकार के तीन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी, सुरेश पासवान और योगेंद्र साव पर गंभीर आरोप हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे तीनों मंत्रियों को तत्काल बरखास्त करें.
प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री यादव ने कहा कि मंत्री योगेंद्र साव का नक्सलियों से सांठगांठ है. हजारीबाग में पकड़े गये अपराधियों ने इसका खुलासा किया है. इन पर पहले भी आरोप लगे हैं. तारा शाहदेव प्रकरण में हाजी हुसैन और सुरेश पासवान पर आरोप हैं. सरकार को इन्हें मंत्रिमंडल से बरखास्त कर इस मामले की सीबीआइ से जांच करानी चाहिए.
योगेंद्र को बचाने में जुटी पुलिस : सरयू
सरयू राय ने कहा कि जिस सरकार के मंत्री जेपीसी, एमसीसी जैसे संगठन चला रहे हैं, उनसे कैसे न्याय की उम्मीद की जा सकती है. मंत्री योगेंद्र साव पर हजारीबाग में नक्सलियों का संगठन बना कर लेवी वसूलने का आरोप है. सूचना मिली है कि इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलायी गयी है. इसमें हजारीबाग के एसपी को भी बुलाया गया है. मंत्री को बचाने में पुलिस महकमा जुट गया है. पहले भी सरकार के एक मंत्री जय प्रकाश भाई पटेल के बॉडी गार्ड से हथियार लूटने के मामले को पुलिस रफा दफा कर चुकी है.
बाबूलाल ने कहा जांच आयोग बने
झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड सरकार के एक मंत्री द्वारा उग्रवादी संगठन बनाये जाने की बात सामने आयी है, जो गंभीर मसला है. संगठन को मंत्री का संरक्षण प्राप्त था और आर्थिक मदद भी मिलता था. राजनीति में उग्रवादियों की मदद लेकर विधानसभा-लोकसभा पहुंचने के आरोप पहले भी कई लोगों पर लगे हैं. पुलिस अधिकारियों और औद्योगिक घराने की सांठगांठ भी सामने आयी है. सरकार उग्रवादियों के साथ गंठजोड़ को उजागर करने के लिए आयोग का गठन करे. उग्रवादी गिरोह बनानेवाले मंत्री को अविलंब बरखास्त किया जाये. केंद्र सरकार शाह कमीशन की तरह उच्चस्तरीय आयोग बनाये.