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झारखंड:12 खदानें बंद,सेल और टाटा स्टील पर भी संकट,20 हजार लोग बेरोजगार

रांची: सुप्रीम कोर्ट के आदेश और मिनरल कंसेशन रूल में संशोधन के बाद राज्य सरकार ने 12 लौह अयस्क खदानें तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है. इनमें टाटा स्टील की एक और सेल की तीन खदानें हैं. सरकार के आदेश के बाद राज्य में लीज पर चल रही 17 खदानों में सिर्फ […]

रांची: सुप्रीम कोर्ट के आदेश और मिनरल कंसेशन रूल में संशोधन के बाद राज्य सरकार ने 12 लौह अयस्क खदानें तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है. इनमें टाटा स्टील की एक और सेल की तीन खदानें हैं. सरकार के आदेश के बाद राज्य में लीज पर चल रही 17 खदानों में सिर्फ पांच से ही खनन जारी रहेगा. कुल 42 खदानों में 25 पहले ही बंद हो चुकी हैं. अब 12 और खदानों को बंद करने से राज्य को सालाना करीब 400 करोड़ की रॉयल्टी का नुकसान होने का अनुमान है.

पहले डिम्ड एक्सटेंशन पर चलती थी खदानें : खान सचिव अरुण ने बुधवार को खान विभाग में प्रेस कांफ्रेंस कर बताया : राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में उन खदानों को बंद करने का निर्देश दिया है, जिनका दूसरी बार लीज नवीकरण नहीं हो सका है. पहले नियम था कि लीज की अवधि समाप्त होने के बाद भी नवीकरण के आवेदन पर सरकार के विचार करने तक लीज प्रभावी माना जाता था. ऐसे में खदानें डिम्ड एक्सटेंशन पर चलती थी.

सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में गोवा और मई में ओड़िशा की खदानों के मामले में डिम्ड एक्सटेंशन पर खनन कार्य जारी रखने को अवैध करार दे दिया. खान सचिव ने बताया : 18 जुलाई को मिनरल कंसेशन रूल (एमसीआर) 1960 की धारा 24 ए(6) में संशोधन किया गया है. इसके तहत पहले नवीकरण पर सरकार ने दो साल तक फैसला नहीं किया, तो इस अवधि तक लीज को प्रभावी माना जायेगा. दो साल के बाद भी फैसला नहीं करने पर लीज को समाप्त माना जायेगा. उन्होंने बताया : अब दूसरे व आगे के लीज नवीकरण में डिम्ड एक्सटेंशन की समय सीमा समाप्त कर दी गयी है. झारखंड में 12 ऐसी खदानें हैं, जो दूसरे या तीसरे डिम्ड एक्सटेंशन पर चल रही थी. एमसीआर रूल के आलोक में अब इन खदानों से लीज नवीकरण होने तक लौह अयस्क का खनन नहीं हो सकता है. लीज नवीकरण से पहले अगर खनन कार्य जारी रखा जायेगा, तो उसे अवैध खनन माना जायेगा.

टाटा स्टील व सेल ने कमेंट से किया इनकार
टाटा स्टील और सेल के अधिकारियों ने फिलहाल इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. कहा है कि सारे कागजात राज्य सरकार के पास जमा कर दिये गये हैं. अब राज्य सरकार को निर्णय लेना है.

सुप्रीम कोर्ट का है आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल व मई में गोवा व ओड़िशा की खदानों के मामले में डिम्ड एक्सटेंशन पर खनन कार्य जारी रखने को अवैध करार दे दिया. इसके आधार पर अब दूसरे व आगे के लीज नवीकरण में डिम्ड एक्सटेंशन की समय सीमा समाप्त कर दी गयी है. पहले नियम था कि लीज की अवधि समाप्त होने के बाद भी नवीकरण के आवेदन पर सरकार के विचार करने तक लीज प्रभावी माना जाता था. ऐसे में खदानें डिम्ड एक्सटेंशन पर चलती थी.

क्या करेगी सरकार
खान सचिव अरुण ने बताया कि राज्य सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. खनन कार्य से लाखों परिवार जुड़े हैं. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने चिंता भी जतायी है. राज्य सरकार ने लीज नवीकरण जल्द हो, इसके लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया है. विभाग जल्द लीज नवीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगा, ताकि बंद खदान चालू हो सके.

क्या पड़ेगा असर
टाटा स्टील प्लांट और सेल के बोकारो स्टील प्लांट के अलावा दुर्गापुर,राउरकेला व बर्नपुर स्थित स्टील प्लांट और आधुनिक के स्टील प्लांट पर पड़ेगा असरझारखंड स्थित 150 से अधिक स्पंज आयरन प्लांट का उत्पादन हो सकता है प्रभावित

पांच स्टील प्लांट पर खतरा
सरकार के आदेश के बाद टाटा स्टील के एक और सेल के चार स्टील प्लांट पर संकट मंडराने लगा है. कुछ अन्य कंपनियां पर भी संकट आ गय्ीा है. कंपनियां लौह अयस्क के स्टॉक रहने तक ही उत्पादन कर सकेंगी. बताया गया कि इसके बाद कंपनियां अन्य खदानों से लौह अयस्क खरीद कर उत्पादन शुरू कर सकती हैं. इससे उत्पादन लागत में वृद्धि होगी. सेल बोकारो, दुर्गापुर, राउरकेला और बर्नपुर स्थित स्टील प्लांट का लौह अयस्क उपलब्ध कराता है.

20,000 से अधिक बेरोजगार
12 खदानों के बंद होने पर इनमें प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत करीब 20 हजार लोग बेरोजगार हो जायेंगे. सामान्यत: एक खदान में खनन कार्य से लेकर ढुलाई तक में एक से दो हजार तक मजदूर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काम करते हैं.

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