रांची: पतरातू में प्रस्तावित 1320 मेगावाट पावर प्लांट पर अंतिम रूप से अब तक फैसला नहीं हो सका है. अब दिसंबर अंत तक फैसला होने की संभावना है. अक्तूबर 2013 में इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाला गया था, जिसे आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) कहा गया. इसमें 10 कंपनियों ने हिस्सा लिया.
इनमें टाटा पावर, रिलायंस एनर्जी, अडानी, सीइएसइ, सीएलपी, एस्सार पावर, जिंदल स्टील एंड पावर, जेएसडब्ल्यू, एस्टरलाइट व हाइफलेक्स शामिल हैं. इसके बाद बोर्ड ने सभी कंपनियों का असेसमेंट कराया. सभी तकनीकी पक्षों की जांच के बाद अंतिम रूप से नौ कंपनियों का चयन किया गया है. उपरोक्त कंपनियों में केवल हाइफलेक्स को छांट दिया गया है. अब बोर्ड इनके लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्राइस) या प्राइस बिड निकालने जा रहा है. बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि जो भी सबसे लो रेट देगा, उसे ही पतरातू का ठेका मिलेगा. पावर फाइनांस कॉरपोरेशन को कंसलटेंट बनाया गया है. सारे मामलों को पीएफसी द्वारा ही देखा जा रहा है. दूसरी ओर पतरातू से लिंक किये गये बनहरदी कोल ब्लॉक का जियोलॉजिकल रिपोर्ट तैयार हो गयी है. बताया गया कि सब कुछ ठीक रहा, तो दिसंबर अंत तक पावर प्लांट पर निर्णय हो जायेगा.
कोल ब्लॉक पर मंडरा रहा है खतरा : सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में दी गयी व्यवस्था में जेएसइबी को आवंटित बनहरदी कोल ब्लॉक पर खतरा मंडरा रहा है. अब तक इस कोल ब्लॉक के लिए केवल जीआर ही तैयार किया गया है. दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने सभी कोल ब्लॉक की समीक्षा कर आवंटन रद्द करने की व्यवस्था दी. जिस पर अंतिम रूप से आदेश एक सितंबर को आना है. कुछ कंपनियां इसे लेकर आशंकित भी है. एक सितंबर के बाद ही कंपनियां अब पतरातू पावर प्लांट के मुद्दे पर निर्णय लेंगी. हालांकि बोर्ड के अधिकारियों को उम्मीद है कि बनहरदी का आवंटन रद्द नहीं होगा.
क्या कहते हैं बोर्ड के अधिकारी : हमने शॉर्ट लिस्ट किये गये कंपनियों को आरएफपी के लिए राशि जमा करने का निर्देश दिया है. राशि जमा होते ही सबको बिड डॉक्यूमेंट दे दिया जायेगा. इसके बाद जो भी जिज्ञासा कंपनियों की ओर से होगी उसे दूर किया जायेगा.