रांची: झारखंड में जानलेवा बीमारी डिप्थिरिया के दो मरीज मिले हैं. इनमें से एक देवघर का और दूसरा धनबाद जिले का है. इन दोनों बच्चों को सांस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत के बाद उनके परिजन इलाज के लिए रिम्स लाये थे.
रिम्स के चिकित्सकों ने जांच के बाद इन बच्चों को डिप्थिरिया होने की पुष्टि की. राज्य में डिप्थिरिया के मरीज पाये जाने की सूचना राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को दे दी गयी है. साथ ही संबंधित क्षेत्रों में बचाव के लिए सघन टीकाकरण अभियान चलाने का अनुरोध किया गया है.
राज्य में डिप्थिरिया का पहला मरीज 10 जुलाई 2014 को मिला था. देवघर जिले के मोहम्मद अगसर अंसारी अपनी दो साल की बच्ची का इलाज पहले स्थानीय स्तर पर कराया. स्थानीय चिकित्सकों के सुझाव पर पर अपनी बेटी सालेहा परवीन को इलाज के लिए रिम्स लाये थे. रिम्स के चिकित्सकों ने बच्ची की जांच के बाद उसे डिप्थिरिया होने की पुष्टि की. बच्ची जब रिम्स लायी गयी, उस वक्त उसकी स्थिति नाजुक थी. हालांकि एंटी डिप्थिरिया सिरम(एडीएस) नहीं मिलने की वजह से बच्ची का समुचित इलाज नहीं हो सका. डिप्थिरिया के मीरज को बचाने के लिए उसे एंटी डिप्थिरिया सिरम दिया जाना आवश्यक है. पर, राज्य में कहीं भी एंटी डिप्थिरिया सिरम उपलब्ध नहीं है. 23 अगस्त 2014 को रिम्स में ही इलाज के दौरान धनबाद जिले के मोहम्मद समीर नामक साढ़े छह साल के बच्चे को डिप्थिरिया होने की पुष्टि हुई. धनबाद जिले के रहमतगंज निवासी मोहम्मद आलमगीर अपने बच्चे को इलाज के लिए रिम्स लाये थे. उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और बुखार था.
रिम्स के मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे डिप्थिरिया होने की आशंका जतायी. इसके बाद उसकी जांच इएनटी और बच्चों के चिकित्सकों ने की. जांच के बाद इस बच्चे को भी डिपथिरिया होने की पुष्टि हुई. हालांकि एडीएस नहीं मिलने की वजह से इसका भी पूरा इलाज नहीं हो सका. डिप्थिरिया के दोनों मरीजों को ‘डीपीटी’ का टीका नहीं लगा था.
मरीज का नाम- सालेहा परवीन
उम्र- दो साल
पिता- मोहम्मद असगर अंसारी
पता- नारायणपुर, मधुपुर
जिला- देवघर
मरीज का नाम- मोहम्मद समीर
उम्र- साढ़े छह साल
पिता- मोहम्मद आलमगीर
पता- रहमत गंज
जिला- धनबाद