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राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटें घटाये जाने का मामला, राज्य व केंद्र सरकार ने रखा पक्ष

रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत में गुरुवार को मेडिकल कॉलेजों में सीटें घटाने को चुनौती देनेवाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार व केंद्र सरकार का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने मामले को कोर्ट-एक के डिवीजन बेंच में स्थानांतरित कर दिया. अदालत ने कहा कि डिवीजन बेंच […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत में गुरुवार को मेडिकल कॉलेजों में सीटें घटाने को चुनौती देनेवाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार व केंद्र सरकार का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने मामले को कोर्ट-एक के डिवीजन बेंच में स्थानांतरित कर दिया.

अदालत ने कहा कि डिवीजन बेंच में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई है. इसलिए एकल पीठ में सुनवाई करना उचित नहीं होगा. इसलिए इस पर डिवीजन बेंच ही सुनवाई करेगी. मामले की सुनवाई अब 29 अगस्त को होगी.

अदालत ने राज्य सरकार की याचिका के साथ-साथ प्रार्थी श्रेया कश्यप, आर बनर्जी एवं अन्य की ओर से दायर की गयी याचिकाओं पर भी सुनवाई की. याचिका में कहा गया है कि राज्य में चिकित्सकों की बड़ी कमी है. लगभग 10,000 की आबादी पर सिर्फ एक चिकित्सक ही उपलब्ध है. अस्पतालों को चिकित्सकों की आवश्यकता है. एमसीआइ द्वारा बिना कारण राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटें घटा दी गयी हैं. पहले 350 सीट स्वीकृत थे. उसके आधार पर नामांकन की प्रक्रिया की गयी.

इसी दौरान एमसीआइ ने 350 से सीटें घटा कर 190 कर दिया. 160 सीटें कम हो जाने से चयनित विद्यार्थियों का नामांकन मुश्किल हो गया है. एमसीआइ द्वारा सीटें घटाने के निर्देश को निरस्त करने का आग्रह अदालत से किया गया है.

सुनवाई के दौरान झारखंड का पक्ष : झारखंड के साथ हुआ भेदभाव

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता आरएस मजूमदार ने अदालत को बताया कि एमसीआइ ने मेडिकल कॉलेजों की 160 सीटें घटाने का निर्णय उचित नहीं है. उसने राज्य सरकार को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया और न ही सरकार की बात सुनी गयी. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के मामले में अंडरटेकिंग लेकर सीटें नहीं घटायी गयी हैं, लेकिन झारखंड राज्य की अंडरटेकिंग को नहीं माना गया. चयन प्रक्रिया के बाद नामांकन के दौरान एमसीआइ ने सीटें घटाने का निर्देश जारी कर दिया.

केंद्र ने कहा : नहीं हुआ झारखंड से भेदभाव

केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता मोख्तार खान ने पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सही तरीके से अंडरटेकिंग नहीं दी है. उसे काफी समय दिया गया, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. झारखंड के साथ भेदभाव नहीं किया गया.

स्मृति ईरानी व डॉ हर्षवर्धन से मिले रघुवर

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मुलाकात की. श्री दास नेराज्य के मेडिकल छात्रों के साथ राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से उत्पन्न स्थिति पर विचार-विमर्श किया. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि छात्र मेडिकल कॉलेज में नामांकन को लेकर विगत एक सप्ताह से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. सरकार की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण राज्य में मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या घटाये जाने से छात्रों के समक्ष उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. श्री दास ने छात्र हित में एवं राज्य में चिकित्सकों की संख्या की कमी का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री से मांग की है कि एमसीआइ से इस मसले का त्वरित निदान निकालने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाये. श्री दास ने मानव संसाधन मंत्री से मुलाकात कर झारखंड के छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल एवं राज्य को आइआइटी प्रदान करने की बात कही. साथ ही धनबाद स्थित आइएसएम को आइआइटी में अपग्रेड करने की मांग की. उन्होंने कहा कि आइएसएम धनबाद काफी पुराना एवं उच्च कोटि का शिक्षण संस्थान है. यह आइआइटी में अपग्रेड करने के सारे मानक को पूरा करता है.

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