दुमका: दुमका में उद्योग विभाग की ओर से प्रमंडलस्तरीय उत्प्रेरक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हस्तकरघा, रेशम एवं हस्तशिल्प कार्यशाला में 28 लोगों के बीच नियुक्ति पत्र और करीब 75 उत्कृष्ट रेशम कीटपालक, रेशम बीज उत्पादक, बुनकर और हस्तशिल्प कारीगरों के बीच प्रशस्ति पत्र व पांच-पांच हजार रुपये का चेक वितरित किया.
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि स्वरोजगार से ही आर्थिक समृद्घि लायी जा सकती है, जिससे राज्य एवं देश का समग्र विकास संभव है.
उन्होंने लोगों से कृषि कार्य से जुड़ने और शिक्षा के विस्तार पर जोर देने के बारे में कहा. उन्होंने कहा कि संतालपरगना का तसर पूरे देश में अव्वल है. अव्वल दज्रे का रेशम उत्पादन को देखते हुए केंद्र सरकार ने संताल परगना में मेगा हेन्डलूम कलस्टर परियोजना को मंजूरी दी है. इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए लगभग एक सौ करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गयी है. इस परियोजना के माध्यम से तसर उत्पादक किसान रेशम का कपड़ा तैयार कर सकेंगे. इससे यहां के लोगों को स्वरोजगार का नया अवसर मिलेगा और उनके आय में भी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं से भी इस उद्योग से जुड़ने की अपील की.
उन्होंने कहा कि नौकरी से ही लोगों के आय में वृद्धि संभव नहीं है, इसके लिए युवाओं को बेहतर शिक्षा देकर इस तरह के उद्योगों से जोड़ कर उन्हें स्वरोजगार मुहैया कराया जा सकता है. उन्होंने अधिकारियों को किसानों को दूसरे राज्यों में भेज कर वहां का बाजार दिखाने और इस तरह के व्यवसाय के महत्व से अवगत कराने का निर्देश दिया. कार्यशाला में उद्योग विभाग के विशेष सचिव धीरेन्द्र कुमार,रेशम विभाग के संयुक्त निदेशक जी हांसदा,उपायुक्त हर्ष मंगला,पुलिस अधीक्षक अनूप टी मैथ्यू, परियोजना पदाधिकारी सुधीर कुमार सिंह सहित विभाग के कई वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.