रांची: एनआइए के विशेष न्यायाधीश सह प्रधान न्यायायुक्त एसएच काजमी की अदालत में शुक्रवार को पटना व गया बम ब्लास्ट के मामले में आरोपी असलम परवेज की पेशी हुई. यह मामला कोतवाली थाना कांड संख्या 985/13 से जुड़ा है. अदालत में सुनवाई के बाद आरोपी को नाबालिग घोषित किया गया. आरोपी की ओर से अदालत में मैट्रिक का सर्टिफिकेट दिया गया है, उसमें जन्मतिथि 23/12/1995 है.
आरोपी ने अदालत में बताया कि घटना के दिन उसकी उम्र 17 वर्ष, 10 माह, 11 दिन थी. आरोपी के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम सहित आइपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. उसे गत नौ मार्च को जहानाबाद से पकड़ा गया था. अब उसे बाल सुधार गृह भेजा जायेगा एवं जुवेनाइल एक्ट को मामला चलेगा.
मुजिबुल्ला के बयान में आया था असलम का नाम
रांची. हिंदपीढ़ी के इरम लॉज मामले में गिरफ्तार मो मुजिबुल्ला के बयान में असलम परवेज का नाम आया था. उसके बाद उसे पटना व गया बलास्ट मामले में नौ मार्च 2014 को जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि चार नवंबर 2013 को हिंदपीढ़ी के इरम लॉज से नौ बम, टाइमर, जिलेटिन व अन्य विस्फोटक व आतंकी साहित्य बरामद हुए थे. उसमें मुजिबुल्ला व हैदर उर्फ सलीम अंसारी का नाम आया था. बाद में इस संबंध में हिंदपीढ़ी थाना में ओरमांझी के चकला निवासी मो मुजिबुल्ला, इरबा के हैदर व सीठियो के मो इम्तियाज पर एनआइए ने प्राथमिकी दर्ज की थी.
हैदर ने तैयार किया था सीठियो मॉडय़ूल
रांची: नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार को इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़े 10 आतंकियों के खिलाफ पटना के एनआइए स्पेशल कोर्ट में चाजर्शीट दाखिल की है. जिन आतंकियों के खिलाफ चाजर्शीट दाखिल की गयी है, उनमें हैदर अली, नुमान अंसारी, मुजीबुल्लाह, उमर सिद्दीकी, अजहरु द्दीन कुरैशी, फकरुद्दीन, अहमद हुसैन, मो फिरोज असलम व मो इफ्तेखार आलम व एक नाबालिग शामिल है.
सभी आतंकियों पर पटना में नरेंद्र मोदी की सभा में विस्फोट करने व हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के इरम लॉज में विस्फोटक रखने का आरोप है. एनआइए ने जांच में पाया है कि हैदर अली झारखंड में सिमी का इंचार्ज था. उसी ने पटना विस्फोट की साजिश रची थी. विस्फोटक तैयार करने के लिए आतंकियों ने मिर्जापुर और रांची से सामान एकत्रित किये थे. हैदर अली और अन्य आतंकी बोधगया ब्लास्ट में भी शामिल थे. आतंकियों ने बम बनाने की योजना अल कायदा की मैगजीन पढ़ने के बाद तैयार की थी.
जांच में एनआइए ने यह भी पाया है कि हैदर सिमी से जुड़ा था, जो रांची के युवकों को जेहादी वीडियो दिखा कर उसे संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित करता था. जांच में यह भी पाया गया है कि आतंकियों का सीठियो मॉडय़ूल हैदर में तैयार किया था.