रांची: झारखंड विकास मोरचा (प्रा) के चार विधायकों के भाजपा में विलय को लेकर चल रहे दल-बदल कानून के तहत अंतिम सुनवाई 25 अगस्त को होगी. वृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता की अदालत में झारखंड विधानसभा निर्हता कानून 2006 के तहत सुनवाई की गयी. इस क्रम में दोनों पक्षों की ओर से अपनी-अपनी बातें रखी गयीं.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नैसर्गिक न्याय के तहत झाविमो से अलग हुए गुट के अधिवक्ता अरविंद लाल ने समय देने का अनुरोध किया है. जिसे मान लिया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से बहुत जल्द दल-बदल कानून के तहत मामले का निबटारा कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की बातें उन्होंने सुन ली है. उन्होंने कहा कि अलग हुए गुट की ओर से दायर हलफनामे में इस बात की स्वीकृति की गयी है कि विधायक समरेश सिंह, निर्भय शाहाबादी, जय प्रकाश भोक्ता और चंद्रिका महथा औपचारिक रूप से भाजपा में 20 अगस्त को शामिल हो गये हैं. इससे पहले झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव की शिकायत पर सुबह सुनवाई शुरू हुई.
अधिवक्ता आरएन सहाय ने कहा कि चारों विधायकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नयी दिल्ली अवस्थित आवास में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. इससे संबंधित खबरें अखबारों में 31 जुलाई को छपी. जबकि एक अन्य विधायक फूलचंद मंडल ने एक अगस्त को झाविमो की सदस्यता से इस्तीफा देकर विधानसभा अध्यक्ष को सूचित कर दिया था. इसके बाद ही दो अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत की गयी.
उन्होंने चारों विधानसभा सदस्यों की सदस्यता 10वीं अनुसूची के तहत रद्द करते हुए दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया. वहीं मामले पर प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता एके लाल ने कहा कि उनके चारों मुवक्किल दो अगस्त को भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं. ऐसे में दो अगस्त को की गयी शिकायत रद्द कर दी जाये. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए सभी विधायकों से स्पष्टीकरण मांगी थी.