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आते हैं अंगूठा छाप, जेल में बन जाते हैं साक्षर

रांची: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार जेल के कैदी शत प्रतिशत शिक्षित हो गये हैं. कैदी जब यहां आये, तो जेल में प्रवेश करते वक्त अंगूठे का ठप्पा लगा कर प्रवेश करना पड़ा, लेकिन अब वे हस्ताक्षर कर निकल रहे हैं. यह सब हुआ एक प्रयास से. जेल में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत कैदियों […]

रांची: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार जेल के कैदी शत प्रतिशत शिक्षित हो गये हैं. कैदी जब यहां आये, तो जेल में प्रवेश करते वक्त अंगूठे का ठप्पा लगा कर प्रवेश करना पड़ा, लेकिन अब वे हस्ताक्षर कर निकल रहे हैं. यह सब हुआ एक प्रयास से. जेल में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत कैदियों को प्राइमरी कक्षा से शिक्षा दी जा रही है. प्रशिक्षक 15 दिनों में ही उन्हें पढ़ा लिखा कर पत्र लिखने, अपना नाम लिखने व हस्ताक्षर करने के योग्य बना रहे हैं. रिहाई के वक्त कैदी रजिस्टर में हस्ताक्षर कर बाहर निकल रहे हैं. इतना ही नहीं, जेल के अंदर उन्हें कंप्यूटर और इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग दी जा रही है.

वहीं साबुन, फिनायल, फाइल, कपड़ा व कंबल बनाने सहित अन्य के प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं. जेल प्रशासन के अनुसार कई कैदी जेल से निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी उन्हें पढ़ा रहे हैं.

जेल में किसी भी अपराध में सजा काटने आये कैदियों के आते ही साक्षरता मिशन के तहत नामांकन कर लिया जाता है. दूसरे दिन से ही उनकी पढ़ाई शुरु कर दी जाती है. इस कारण होटवार जेल के कैदी पूर्ण रूप से साक्षर हो रहे हैं. ट्रेनिंग लेने के बाद कई कैदी निपुण होकर निकल रहे हैं और बाहर में अपना व्यवसाय कर रहे हैं. नरेंद्र सिंह,जेलर

चैताली का है अहम योगदान
आजीवन कारावास की सजा काट रही चैताली विश्वास कैदियों के बीच शिक्षा का अलख जगा रही है. वह जेल के अंदर के कैदियों को पढ़ाती है. कैदियों में पढ़ने की लगन इतनी है कि हर साल नेशनल ओपन स्कूल से हायर सेकेंडरी व इग्‍नू से बीए पास कर रहे हैं.

इग्‍नू ने शुरू किया कोर्स
इस वर्ष से से जेल में टूरिज्म सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया गया है. इसमें 51 कैदियों ने नामांकन कराया है. वर्ष 2011 से 2014 तक 211 कैदी सेकेंडरी व हायर सेकेंडरी तथा 183 कैदी बीए पास कर चुके हैं. 2014 के दूसरे सत्र में 235 कैदियों ने विभिन्न कोर्स में नामांकन लिया है. 63 कैदी बीए, 212 कैदी बीए की तैयारी व 51 कैदियों ने टूरिज्म सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं. 2013 तक 394 कैदी पास कर चुके हैं. यह सभी कैदी पास कर जाते हैं तो हायर सेकेंडरी व बीए पास कैदियों की संख्या जेल में 629 हो जायेगी. वर्तमान महिला पुरूष मिला कर करीब 2840 कैदी हैं.

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