विधानसभा सत्र : कोयला तस्करी पर सदन में फिर हंगामा, विपक्ष ने कहा
सरकार खुलासा करे क्या कार्रवाई की गयी : अर्जुन मुंडा
रांची : कोयला और लौह अयस्क के तस्करी को लेकर एक बार फिर झारखंड विधानसभा में हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने इस सवाल पर सरकार को घेरा. विपक्ष की ओर से कहा गया कि खीरा चोर जेल में, हीरा चोर बाहर.
भाजपा विधायक सत्यानंद झा बाटुल ने कहा कि इस मामले में सरकार भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रही है. साइकिल से कोयला चोरी करनेवाले को पकड़ कर बंद कर दिया जाता है. वहीं, तस्करी में संलिप्त वरीय पदाधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
इस पर सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही स्टैंड क्लियर कर दिया है. अभी इस मामले की निगरानी से जांच करायी जा रही है. जरूरत पड़ी, तो सीबीआइ जांच भी होगी. इस मामले को फिर से सदन में उठा कर समय का दुरुपयोग किया जा रहा है.
इस पर नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि उड़नदस्ता, ट़ास्क फोर्स समेत कई एजेंसियों को लगाया गया है. इस पर क्या कार्रवाई हुई है. सरकार की ओर से नहीं बताया जा रहा है. कितने ट्रक पकड़े गये हैं? कितने लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है? इस बात का खुलासा सरकार को करना चाहिए. इस पर संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि छह अगस्त को सरकार की ओर से इस मामले में की गयी कार्रवाई से अवगत कराया जायेगा.
सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने क्या-क्या कहा
– जामताड़ा में पांच साल से कोयला व लौह की तस्करी हो रही है. इसकी जांच एसपी रैंक के अधिकारी से करायी जाये : प्रदीप यादव
– गोमिया, रामगढ़ में कोयला माफिया सक्रिय हैं. इसमें अफसरों और नेताओं की भी संलिप्तता है : माधव लाल सिंह
– कोयला तस्करी में निगरानी को रिपोर्ट को दबा कर रखा गया है: बन्ना गुप्ता
– निगरानी जांच पूरी हो गयी, सरकार बताये क्या कार्रवाई हुई : रघुवर दास
– खुद ट्रक को पकड़ कर थाने को दी जाती है जानकारी, फिर कार्रवाई नहीं होती : सत्यानंद झा बाटुल
सरकार का पक्ष : संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि सीसीएल, बीसीसीएल और इसीएल की बंद पड़ी खादानों से कोयला की तस्करी हो रही है. इसकी जिम्मेवारी संबंधित कंपनियों की है. सरकार की ओर से उड़नदस्ता, टॉस्क फोर्स समेत कई एजेंसियों को लगाया गया है. निगरानी भी मामले की जांच कर ही है. सदन को सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई से अवगत कराया जायेगा.