भुरकुंडा (रामगढ़): शीशा उत्पादन में दो दशक तक एशिया में विख्यात रही भदानीनगर स्थित इंडो असाही ग्लास फैक्टरी (वर्तमान में आइएजी ग्लास कंपनी लि) पिछले 15 मई से बंद है. इससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं.
650 से अधिक श्रमिकों का रोजगार छिन गया है. तीन माह से वेतन बंद है. पहले का भी वेतन बाकी है. इनके परिवार को भूखे मरने की नौबत आ गयी है. वर्तमान प्रबंधन ने 15 मई 2014 को फैक्टरी की उत्पादन इकाई टू-टीएफ प्लांट को कूल डाउन के नाम पर बंद कर दिया. फैक्टरी को पुन: खोलने की दिशा में कोई प्रयास नहीं होने से सैकड़ों मजदूर व इनके परिवारवालों की उम्मीद टूटने लगी है. दाल-रोटी व बच्चों की पढ़ाई की चिंता सता रही है. 30 जून को विद्युत विभाग ने बकाया बिजली बिल को लेकर फैक्टरी क्षेत्र की बिजली काट दी. इससे कॉलोनी क्षेत्र अंधेरे में डूब गया. बिजली कटने से पानी की सप्लाई भी बंद हो गयी है. बताया गया कि एक करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया है.
जल्द बहाल होगी बिजली : विधायक सह कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने कहा कि जल्द ही बिजली बहाल हो जायेगी. इस मामले पर शनिवार को मुख्यमंत्री व ऊर्जा सचिव से बात हुई है.
कई महीने का वेतन बकाया
कार्यरत कर्मियों को 2008-11 के बीच काम करने के बावजूद नौ महीने का वेतन नहीं मिला. कूल डाउन के बाद वर्तमान में भी वेतन नहीं मिल रहा. वर्ष 2004-08 के बीच का 48 महीने का वेतन भी नहीं दिया गया. इस मामले पर कर्मियों द्वारा 48 महीने के वेतन भुगतान के लिए कोर्ट में केस भी किया गया है, जिसका फैसला आना बाकी है. इसी तरह 2008-11 के बीच 27 माह का पीएफ का पैसा वेतन से काटा तो गया, लेकिन उसे विभाग में जमा नहीं कराया गया. 2004 के बाद से ग्रेच्युटी के पैसे का भुगतान भी प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया है.
कूल डाउन के नाम पर बंद हो जाती है फैक्टरी
फैक्टरी प्रबंधन ने फर्नेश में आयी खराबी को दूर करने व शीशे की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्लांट को कूल डाउन के नाम पर 15 मई से बंद कर दिया गया. नियमानुसार, प्लांट को तीन महीन के भीतर फिर से चालू किया जाना चाहिए. इस अवधि में कर्मियों का वेतन व सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.