उपभोक्ता आंदोलन के मूड में
सिकिदिरी : बिजली विभाग के कार्यो से विस्थापित परिवारों की परेशानी बढ़ गयी है. उन्हें एक नहीं, दो-दो जगहों से बिजली बिल भेजा जा रहा है. नतीजा वे अब आंदोलन का मन बना रहे हैं.
क्या है मामला : स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी निर्माण के समय विस्थापित परिवार को मुफ्त बिजली देने की बात कही गयी थी. मुफ्त बिजली तो उन्हें नहीं मिली, बल्कि बिजली विभाग विस्थापितों को दो स्थानों से बिजली बिल भेज रहा है. यह स्थिति जलविद्युत परियोजना सिकिदिरी के विस्थापित गांव महुवाटोला, पीपराटोला, कुसुम टोला सारूबेडा व मिर्चाटोला आदि गांवों की है.
यहां के बिजली उपभोक्ताओं को ओरमांझी व टाटीसिलवे दोनों सब स्टेशन से बिजली बिल अलग-अलग भेजा जा रहा है.राजेश करमाली (पिता दुखन करमाली, ग्राम मैलघोंसा, उपभोक्ता संख्या मैलघोंसा /एएनपीएल1025) को टाटीसिलवे सब स्टेशन से जनवरी 14 में 1659 रुपये का बिजली बिल भेजा गया, जबकि ओरमांझी सब स्टेशन से राजेश करमाली को (उपभोक्ता संख्या एसकेडी 579) को जनवरी माह में ही 4007 रुपये का बिजली बिल भेज दिया गया. यह हाल मैलघोंसा गांव के अंतर्गत पड़नेवाले लगभग सभी टोलों के बिजली उपभोक्ताओं का है.
कई उपभोक्ता ओरमांझी में, तो कई टाटीसिलवे में बिजली बिल जमा कर रहे हैं. आंदोलन की धमकी : रामकुमार सिंह भोगता (अध्यक्ष, विस्थापित संघर्ष समिति सिकिदिरी ) ने कहा है कि उपभोक्ताओं की शिकायत पर वे उनके घरों में गये. वहां उनकी शिकायत सही पायी गयी. उन्हें ओरमांझी व टाटीसिलवे दोनों जगहों से बिजली बिल भेजा रहा है. अगर बिजली विभाग दोनों स्थानों से बिजली बिल भेजना बंद नहीं किया, तो आंदोलन किया जायेगा.