सर्वदलीय बैठक : दलों की राय
मूलवासी और झारखंडवासी को स्पष्ट किया जाये
दोनों में एक ही चीज हो, या तो मूलवासी, या झारखंडवासी
1982 में जिला स्तर पर लागू स्थानीयता की परिभाषा को जारी किया जाये
रांची : स्थानीयता नीति पर हेमंत सोरेन सरकार की ओर से गुरुवार को बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में आम सहमति नहीं बन सकी. मूलवासी और झारखंडवासी शब्द को लेकर विभिन्न दलों में मतभेद दिखा. अधिकतर दलों ने सुझाव दिया है कि इसे स्पष्ट किया जाये.
इनमें से एक ही चीज हो, या तो मूलवासी या झारखंडवासी. कुछ दलों ने 1982 में तत्कालीन बिहार सरकार में जिला स्तर पर लागू स्थानीयता की परिभाषा को ही जारी करने की मांग की. काफी चर्चा के बाद स्थानीयता नीति पर दलों में कोई अंतिम सहमति नहीं बन सकी. मुख्यमंत्री ने सभी दलों से दो अगस्त तक सुझाव देने का आग्रह किया है. सुझाव कार्मिक सचिव के पास देने होंगे.
दलों ने दिये कई सुझाव : सीएम
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा : आम सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी थी. समिति ने जो प्रारूप सौंपा है, उसमें काफी त्रुटियां हैं. दलों ने भी इसकी शिकायत की है. विभिन्न दलों ने मूलवासी और झारखंडवासी को स्पष्ट करने की मांग की है.
उन्होंने मौखिक व लिखित रूप से कई सुझाव दिये हैं. सभी से दो दिन में लिखित सुझाव मांगा गया है. इसके आधार पर सर्वमान्य नीति बनाने का प्रयास किया जायेगा. सरकार विधानसभा के इसी सत्र में प्रस्ताव लाने का प्रयास करेगी. यह पूछे जाने पर कि विधानसभा के एजेंडे में स्थानीय नीति का प्रारूप शामिल नहीं है, इसे बीच में कैसे लाया जा सकता है. इसपर मुख्यमंत्री ने कहा : विधानसभा सर्वोपरि है. सारे लोग चाहेंगे, तो प्रस्ताव लाने में कोई कठिनाई नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा
– विधानसभा के इसी सत्र में प्रस्ताव लाने व पारित कराने का प्रयास होगा
– वर्तमान प्रारूप में कई त्रुटियां
– दो अगस्त तक दलों से मांगे गये हैं लिखित सुझाव
किस दल से कौन थे बैठक में
कांग्रेस से राजेंद्र सिंह, भाजपा से बड़कुंवर गगराई, राजद से अन्नपूर्णा देवी, गिरिनाथ सिंह, झाविमो से राजीव रंजन प्रसाद, झामुमो से विनोद पांडेय, अशोक कुमार सिंह, मनोज पांडेय, आजसू से देवशरण भगत, भाकपा से भुवनेश्वर मेहता, भाकपा माले से भुवनेश्वर केवट, सीपीएम से गोपीकांत बक्शी, मासस से सुशांतो मुखर्जी, शीतल ओहदार.