– घाटशिला में शहीद सप्ताह को लेकर नक्सली गतिविधियां तेज
– फुटबॉलर बन कर राकेश और राहुल के नेतृत्व में लोकल ट्रेन से गालूडीह पहुंचा नक्सली दस्ता
– दस्ते में कई महिलाएं समेत 25 हार्डकोर नक्सली हैं शामिल
घाटशिला : माओवादियों के शहीद सप्ताह को लेकर झारखंड-बंगाल सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियां एक बार फिर तेज हो गयी है. प्रमुख नक्सली राकेश जी और राहुल शहीद सप्ताह को सफल बनाने की कमान संभाल ली है.
घाटशिला, गालूडीह, एमजीएम थाना क्षेत्र में पिछले कई दिनों से नक्सलियों द्वारा शहीद सप्ताह को लेकर पोस्टरबाजी की जा रही है. नक्सलियों का शहीद सप्ताह 28 जुलाई से शुरू है. इसका समापन तीन अगस्त को होगा.
खबर है कि शहीद सप्ताह को सफल बनाने के लिए पश्चिम बंगाल के माओवादियों का एक दस्ता फुटबॉलर के वेश में गालूडीह स्टेशन उतरा और पैदल ही बंगाल सीमावर्ती बीहड़ों में चला गया. जाते वक्त नक्सलियों ने गालूडीह-नरसिंहपुर बस स्टैंड चौक पर बैनर टांगा और पोस्टरबाजी की.
उक्त रात में ही पाटमहुलिया, बड़बिल, खड़ियाकॉलोनी, नरसिंहपुर, द्वारसिनी तक बैनर टांगा और पोस्टरबाजी की गयी. उसी दिन से एमजीएम और घाटशिला थाना क्षेत्र के कई इलाकों में पोस्टरबाजी हो रही है. खबर है इस दस्ते में प्रमुख नक्सली राजेश जी और राहुल के अलावा करीब 25 हार्डकोर नक्सली शामिल है.
खबरों के मुताबिक 27-28 जुलाई से उक्त दस्ते के सदस्य तीन टुकड़ियों में बंट कर गालूडीह, एमजीएम और घाटशिला थाना क्षेत्र के बीहड़ों में विचरण कर रहे हैं.
केंद्र ने पूंजीपतियों से हाथ मिलाया : माओवादी
घाटशिला : सीपीआइ (माओवादी) के पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी ने एक प्रिंटेड पंपलेट जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने अच्छे दिन का वायदा कर पूंजीपतियों से हाथ मिला कर देश के सर्वहारा वर्ग को कुचलने का काम कर रहे हैं.
बांग्ला और हिंदी में लिखे पंपलेट में नक्सलियों ने कहा है कि नयी सरकार बनने के बाद कॉरपोरेट से हाथ मिला लिया है. एफडीआइ लागू किया जा रहा है. आदिवासियों-मूलवासियों का सफाया करने का षडयंत्र रचा जा रहा है.
15 हजार से अधिक विप्लवी शहीद हुए : पंपलेट में कहा गया है कि नक्सलबाड़ी आंदोलन से अब तक 15 हजार से अधिक विप्लवी शहीद हुए हैं, शहीदों में चारु मजूमदार, कान्हाई चटर्जी, कोटेश्वर राव, कंचन, सुकांतो, मिथुन, शशधर महतो, अरुण, सुसेन, सूर्य, सुजीत, चंदन, अर्जुन , रागो, गंगा, माला, लादेन, सुभाष कर्मकार, अर्जुन , अमर, गंगाधर, रिमिल, विद्युत, सुबल, सुनील, राकेश, गौरांग, मार्शल, सागेन, पंचमी,नूना, लेड़ा, बोका मांझी, विकास, रंजीत, विजय, मालती, लखी, शिबू, तूफान, तपन, सोमेन, गुलाछ आदि प्रमुख नक्सली शामिल हैं.
मलेरिया से कई मरे. नक्सलियों ने स्वीकारा है कि प्रमुख नक्सली सुधांशु श्यामल, रोहित मलेरिया से मारे गये थे, जबकि पोलित ब्यूरो सदस्य सुशील राय नौ वर्ष तक पुलिस कस्टडी में रहे. इस दौरान बीमारी से वे मारे गये.