रांची: राजधानी में चिकनगुनिया के वायरस ने दस्तक दे दी है. कांके के पिठोरिया निवासी इरशाद अंसारी को चिकनगुनिया होने की पुष्टि हुई है. मरीज का इलाज रिम्स के मेडिसिन विभाग के डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में चल रहा है.
इससे पहले 15 दिनों तक कांके में मरीज का इलाज चला था, लेकिन इरशाद पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाया था. परिजन 25 जुलाई को उसे रिम्स में भरती कराये. मरीज को तेज बुखार एवं बेहोश होने की शिकायत पर रिम्स लाया गया. जांच में उसमें चिकनगुनिया की पुष्टि हुई. चिकित्सीय सलाह पर उसे वार्ड में मच्छरदानी लगाने की सलाह दी गयी है. इलाज कर रहे चिकित्सक की मानें, तो रिम्स में इस मौसम का यह पहला मामला उनके सामने आया है.
देश में 1963 में मिला था पहला मामला
मेडिकल जर्नल के अनुसार चिकनगुनिया का पहला मामला वर्ष 1963 में कोलकाता में मिला था. इसके बाद वर्ष 1965 में चैन्नई में चिकनगुनिया के मरीज मिल थे. वर्ष 2006 में दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में चिकनगुनिया ने पैर पसारा था.
मरीज में चिकनगुनिया होने के लक्षण पाये गये हैं. उसका इलाज इसी आधार पर किया जा रहा है. यह इस मौसम का पहला मामला मेरे प्रकाश में आया है.
डॉ उमेश प्रसाद, फिजिसियन रिम्स