रांची: रांची नगर निगम क्षेत्र में नक्शा पास करवा कर विचलन करने वाले बिल्डरों पर जल्द ही शिकंजा कसने वाला है. निगम अब ऐसे बिल्डरों के लिए नियमों में बदलाव करेगा. एक बार भवन निर्माण हो जाने के बाद बिल्डरों को अनिवार्य रूप से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट निगम से लेना होगा. जो बिल्डर नगर निगम से अपने भवन का ऑक्यूपेंसी सर्टििफकेट नहीं लेंगे और अगर भविष्य में कोई नक्शा निगम में जमा करेंगे तो उनके नक्शे को निगम अस्वीकृत कर देगा. निगम ने यह कदम हाइकोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया है, जिसमें न्यायालय ने अवैध रुप से बने भवनों को बिजली पानी उपलब्ध न कराने का आदेश दिया है.
अब तक यह थी स्थिति
आम तौर पर किसी भी भवन के निर्माण के लिए बिल्डर सबसे पहले निगम में नक्शा जमा करता है. नक्शा स्वीकृत हो जाने के बाद बिल्डर भवन का निर्माण कर उसके फ्लैट आदि को बेच कर निकल जाता है. यहां बिल्डर गलत निर्माण करके फ्लैटों की संख्या भी बढ़ा लेता था, जिससे बाद भी फ्लैट खरीदारों को परेशानी उठानी पड़ती थी.
अब यह होगी स्थिति
अब जो भी बिल्डर भवन का निर्माण करेगा उसे भवन निर्माण के पूरा होने के बाद निगम में कंप्लीशन सर्टिफिकेट में यह लिख कर देना होगा कि उसने निगम से पास कराये गये नक्शे के आधार पर ही भवन का निर्माण किया है. अब नगर निगम भवन की जांच करके उसे ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी करे. बिल्डर के आवेदन पर निगम के अभियंता फिर उसके भवन की जांच करेंगे. जांच में निर्माण कार्य सही पाया जाता है तो फिर नगर निगम ऐसे भवन को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी कर देगा. अगर भवन पर कहीं गलत निर्माण पाया जायेगा तो निगम ऐसे भवन को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं करेगा.
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट हर व्यक्ति/बिल्डर ले इसके लिए पूर्व में भी आदेश निकाला गया था. परंतु भवन निर्माताओं की रुचि ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लेने में नहीं है, इसलिए अब नियमों में कुछ बदलाव किया जायेगा. जिसके तहत जो भी व्यक्ति ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं लेगा. भविष्य में उसके द्वारा जमा करने वाले नक्शे पर रोक लगा दी जायेगी.
मनोज कुमार, सीइओ, रांची नगर निगम