जमशेदपुर: टाटा मोटर्स ( ड्राइव लाइन) के एजीएम ब्रजेश सहाय, टाटा स्टील के इंजीनियर रत्नेश राज की हत्या समेत शहर में फायरिंग की नौ घटनाओं को साइको किलर बने सिपाही अंजन कुमार शुक्ला ने साथियों के साथ मिल कर अंजाम दिया था.
सिपाही एवं उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर कांड में प्रयुक्त हथियार बरामद को बरामद कर लिया गया है. इसका खुलासा डीआइजी मो नेहाल ने एसएसपी ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस में किया.
हताशा में बना किलर: डीआइजी ने कहा कि विभागीय स्तर पर हुई कार्रवाई से हताश होकर सिपाही अंजन शुक्ला साइको किलर बन गया. वह बेवजह कार पर सवार लोगों को निशाना बनाने लगा. ब्रजेश सहाय व रत्नेश राज की हत्या सिर्फ लिए कर दी, क्योंकि दोनों कार पर सवार थे. यूनाइटेड क्लब के सामने टाटा अरबन सर्विस के विपुल कुमार को भी इसलिए निशाना बनाया गया. वे भी कार पर सवार थे.
सिपाही ने बना लिया था गैंग: डीआइजी ने बताया कि पूरे मामले का खुलासा आधुनिक तरीके से की गयी जांच से हुआ. क्राइम एनालाइसिस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपराधियों को पकड़ा गया. उन्होंने बताया कि अपराध को अंजाम देने के बाद सिपाही ने अपना गैंग बना लिया था. उसने रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया था. 22 जुलाई को उसने परसुडीह निवासी दशमेस इंजीनियरिंग के मालिक सतीश प्रसाद उर्फ सोनू से 20 लाख रुपये रंगदारी की मांगी. पुलिस ने पूर्व से सिपाही एवं उसके साथियों के मोबाइल को सर्विलांस में रखी हुई थी. इसी आधार पर उसे पकड़ा गया. डीआइजी ने कहा कि पुलिस टीम में शामिल सभी पदाधिकारियों को सम्मानित किया जायेगा. प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी एवी होमकर, सिटी एसपी कार्तिक एस, ग्रामीण एसपी शैलेंद्र मौजूद थे. कुमार सिन्हा, डीएसपी केएन चौधरी, डीएसपी जगदीश प्रसाद, डीएसपी बीएन सिंह, डीएसपी जसिंता केरकेट्टा, डीएसपी अमित कुमार .