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प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति मामला : बदलाव संभव नहीं पसोपेश में सरकार

शिक्षक नियुक्ति. सीएम तक पहुंचा अनारक्षित सीट के लिए भी आवासीय का मामला रांची : प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में अनारक्षित सीट के लिए भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को संबंधित जिले का आवासीय प्रमाण पत्र देना अनिवार्य किये जाने की तैयारी को सरकार पसोपेश में पड़ गयी है.शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने इस संबंध में […]

शिक्षक नियुक्ति. सीएम तक पहुंचा अनारक्षित सीट के लिए भी आवासीय का मामला

रांची : प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में अनारक्षित सीट के लिए भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को संबंधित जिले का आवासीय प्रमाण पत्र देना अनिवार्य किये जाने की तैयारी को सरकार पसोपेश में पड़ गयी है.शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने इस संबंध में विभागीय सचिव व प्राथमिक शिक्षा निदेशक को पीत पत्र भेज कर कहा है कि राज्य में स्थानीय अभ्यर्थियों की ही शिक्षक के पद पर नियुक्ति हो, चाहे सीट अनारक्षित ही क्यों न हो.

वहीं अधिकारियों का मानना है कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अब इसमें बदलाव संभव नहीं है. बीच में आवासीय मांगने पर नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हो जायेगी. सूत्रों के मुताबिक मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच चुका है. अधिकारियों से मंत्रणा के बाद सीएम के सामने भी यह बात सामने आयी कि जो भी बदलाव करना था, वह नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ होने के पहले ही किया जा सकता था.

बदलाव के लिए नियुक्ति नियमावली में संशोधन करना होगा. झारखंड में पहली बार प्राथमिक से लेकर उच्च विद्यालय तक में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है. राज्य में सरकारी शिक्षकों के लगभग 30 हजार पद खाली हैं.

शिक्षा मंत्री की मंशा

अनारक्षित सीट पर भी दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों की नहीं होगी नियुक्ति

अनारक्षित सीट के लिए भी देना होगा आवासीय

प्रमाणपत्र नहीं देनेवाले टेट पास अभ्यर्थी की भी नियुक्ति नहीं होगी

फंस सकता है मामला

कक्षा एक से पांच में शिक्षक नियुक्ति के लिए वर्तमान नियमावली के तहत ही आवेदन आमंत्रित किये गये हैं. बीच में नियुक्ति प्रक्रिया में किसी तरह के बदलाव से नियुक्ति प्रक्रिया कानूनी पेंच में फंस सकती है. कक्षा छह से आठ में फिलहाल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इसके लिए नियमावली में संशोधन किया जा सकता है.

नियमावली में क्या है प्रावधान

शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 की कंडिका 15 में कहा गया है कि शिक्षक नियुक्ति में सरकार द्वारा अधिसूचित जिला स्तरीय आरक्षण नियमों का पालन किया जायेगा. आरक्षण का लाभ राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जाति व आवासीय प्रमाणपत्र ही मान्य होगा. नियामवली में अनारक्षित सीट के लिए किसी तरह के प्रमाणपत्र लेने की बात नहीं कही गयी है.

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