रांची: मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती ने झारखंड में इस्पात की परियोजनाओं में तेजी लाने का निर्देश दिया है. वह राज्य में इस्पात परियोजनाएं स्थापित करने के लिए हुए एमओयू की समीक्षा कर रहे थे. मुख्य सचिव ने कहा कि इस्पात परियोजनाओं का अधिक समय तक लंबित रहना उचित नहीं है.
जहां कहीं भी या जिनके कारण विलंब हो रहा हो, उसका त्वरित कार्रवाई कर निष्पादन करें. बैठक में भू राजस्व विभाग के प्रधान सचिव जेबी तुबिद, वन सचिव अलका तिवारी, खान सचिव अरुण, उद्योग सचिव हिमानी पांडेय, उद्योग निदेशक दीपंकर पंडा, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता समेत कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
एमओयू होगा एक
बैठक में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड(जेएसपीएल) की ओर से कहा गया कि पतरातू व आसनबनी के एमओयू को एक कर दिया जाय. उद्योग विभाग द्वारा बताया गया कि एक करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. नया एमओयू होगा. इस पर ऊर्जा विभाग व खान विभाग से मंतव्य मांगा गया है. मंतव्य आते ही नया एमओयू कर दिया जायेगा. जेएसडब्ल्यू की ओर से कहा गया कि चांडिल डैम से पानी के आवंटन को रद्द कर दिया गया है. उद्योग निदेशक, जल संसाधन के मुख्य अभियंता व ऊर्जा विभाग के पदाधिकारियों की एक कमेटी ने जांच की थी. जांच के बाद पानी आवंटन की अनुशंसा की गयी है. मुख्य सचिव ने जल संसाधन विभाग को तत्काल पानी आवंटन का आदेश जारी करने का निर्देश दिया.
जमीन का मामला शीघ्र निष्पादित करने का आदेश
टाटा स्टील द्वारा कंपेन्सेटरी फॉरेस्ट के लिए भूमि न मिलने की बात उठायी गयी. मुख्य सचिव ने वन विभाग व भू-राजस्व विभाग को भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. मुकुंद स्टील द्वारा कहा गया कि रामगढ़ में आदिवासी जमीन के हस्तांतरण का आवेदन रामगढ़ डीसी के पास लंबित है. मुख्य सचिव ने डीसी को जल्द निष्पादन का निर्देश दिया है. एस्सार स्टील द्वारा एमओयू की अवधि विस्तार की मांग की गयी. मुख्य सचिव द्वारा कहा गया कि पहले निवेश करें, इसके बाद ही इस पर विचार होगा.
13 अगस्त को इस्पात सचिव रांची आयेंगे : 13 अगस्त को केंद्रीय इस्पात सचिव वी. मोहन रांची आयेंगे. वह झारखंड में इस्पात परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे. समीक्षा बैठक मुख्य सचिव के कक्ष में होगी.