राज्य की पुलिस चाहे लाख दावा करे, लेकिन नक्सली गतिविधियां थम नहीं रही. नक्सलियों ने पुलिस की मदद करने के कारण जहां एक महिला की कान काट दी, वहीं एक चौकीदार की गोली मार कर हत्या कर दी. इन दोनों मामलों के बारे में पुलिस को भनक तक नहीं लगी. हाल के दिनों में राज्य में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की ओर से अभियान चलाये तो जा रहे हैं, लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा.
बंदगांव में नक्सली आतंक
बंदगांव : बंदगांव प्रखंड के कराइकेला, बंदगांव व टेबो थाना क्षेत्र में नक्सलियों के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं. नक्सली क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. पुलिस का साथ देनेवाले ग्रामीणों को नक्सली अपने स्तर से सजा दे रहे हैं. नक्सलियों द्वारा गांव में जनअदालत लगा कर पुलिस को सहयोग करने वाले लोगों को चिह्न्ति कर दंड दिया जा रहा है. ऐसी ही एक घटना बंदगांव प्रखंड के टेबो जंगल में घटी है. यहां एक महिला को पुलिस की मदद करने के आरोप में नक्सलियों का कोपभाजन बनना पड़ा है.
मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा था. इसी दौरान पुलिस के जवानों ने आंगनबाड़ी सेविका से पानी मांगा. 30 वर्षीय आंगनबाड़ी सेविका ने सभी जवानों को पानी पिलाया. इसकी सूचना नक्सलियों को मिली. इसके बाद 25 हथियारबंद नक्सली उक्त सेविका के गांव पहुंचे और जन अदालत लगा कर महिला को दंडित किया. नक्सलियों ने महिला के साथ मारपीट की और दांया कान चाकू से काट दिया. साथ ही महिला को चेतावनी देते हुए कहा कि इसकी सूचना पुलिस को देने पर जान से मार दिया जायेगा. इस कार्रवाई के बाद ग्रामीणों में खौफ है.
इस संबंध में थाना में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. एसपी नरेंद्र कुमार से संपर्क नहीं होने पर उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है. इधर महिला ने घटना की सूचना बंदगांव सीडीपीओ कार्यालय में दी है.
जन अदालत लगा कर करीब 25 नक्सलियों ने महिला को दी सजा
मारपीट करने के बाद चाकू से कान काटा
पुलिस को सूचना देने पर जान से मारने की धमकी दी
घटना के बाद दहशत में हैं ग्रामीण
बाल दस्ता तैयार करने में जुटे नक्सली
गुमला : भाकपा माओवादी बाल दस्ता तैयार करने में जुट गये हैं. डरा-धमका कर गांव से ले गये बच्चों को गोली चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं. नक्सली कमांडर नकुल यादव के दस्ते में फिलहाल 20 से 25 बच्चे हैं. ये बच्चे गुमला, लोहरदगा व लातेहार जिले के हैं. इन्हें गोली चलाने के अलावा पीठ पर पिठू व अन्य सामान लाद कर चलने की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.
गांव में घूम रहे बच्चे : सूचना है कि नक्सली बिशुनपुर के जंगल और पहाड़ों पर स्थित कुमारी में पिछले माह से कैंप लगा कर बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे थे.
बताया गया कि ये बच्चे वरदी पहन कर बंदूक लेकर गांवों में घूमते भी हैं. ग्रामीणों को भी इसकी जानकारी है, पर डर से वे इलाके में पहुंची पुलिस सूचना है कि गुरुवार को इस इलाके में पुलिस के आने के बाद नक्सली अपना ठिकाना बदल रहे हैं. वे लोहरदगा व लातेहार जिले सीमा पर स्थित जंगलों में चले गये हैं.
नक्सलियों ने चौकीदार की गोली मार कर की हत्या
बंदगांव : कराईकेला थाना के भालुपानी गांव के अस्थायी चौकीदार सह एसपीओ शंकर प्रधान को शुक्रवार को नक्सलियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. इससे गुस्साये ग्रामीणों ने शनिवार को उसके परिजनों को हक दिलाने के लिए एनएच-75 को करीब तीन घंटे तक जाम रखा. मौके पर पहुंची कराईकेला पुलिस ने लिखित आश्वासन दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया. जानकारी के मुताबिक शंकर प्रधान कराईकेला थाना में 12 वर्षो से अस्थायी चौकीदार था.
वह पुलिस के हर कार्य में सहयोग करता था. पिछले दिनों पीएलएफआइ नक्सली संगठन के खिलाफ पुलिस ने कराईकेला थाना अंतर्गत डोमरा गांव में सर्च अभियान चलाया था. इसमें शंकर प्रधान भी शामिल थे. सर्च अभियान के चार दिन बाद 18 जुलाई की रात लगभग नौ बजे चालीस नक्सलियों ने पुलिस की वर्दी में भालुपानी गांव को घेर लिया. शंकर प्रधान को घर से बुलाकर अपने साथ भालुपानी पंचायत भवन ले गये. पुलिस की वर्दी में होने के कारण परिजनों व ग्रामीणों को उन पर शक नहीं हुआ. उनकी पत्नी सरस्वती देवी भी साथ जाना चाहती थी, लेकिन नक्सली उसे साथ नहीं ले गये. नक्सली चौकीदार को गोली मार कर फरार हो गये. चाईबासा से टीएमएच जाने के क्रम में उनकी मौत हो गयी.
इसके बाद ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों के साथ शनिवार की दोपहर एनएच-75 को जाम कर दिया. इस जाम में झारखंड कैबिनेट सचिव जेबी तुबीद समेत व दर्जनों वाहन फंस गये.
पुलिस की मदद करने के कारण हुई हत्या : सरस्वती
मृतक शंकर प्रधान की पत्नी सरस्वती देवी ने कहा कि पति की हत्या पुलिस के कारण हुई है. नक्सलियों के खिलाफ जब सर्च अभियान चलाया जा रहा था, उस वक्त पुलिस जबरदस्ती मेरे पति को ले जाया करती थी. मेरे मना करने के बावजूद पति को पुलिस साथ ले जाती थी. मेरी बात को अनसुना किया गया. इसका परिणाम है कि मेरे पति की हत्या कर दी गयी.