03 कंपनियों पर वाणिज्य कर विभाग ने दर्ज करायी प्राथमिकी
11 महीने में रामगढ़ की तीनों कंपनियां ने किया धंधा
2.66 करोड़ का सरकार को राजस्व नुकसान
बिहार की सूचना पर विभाग ने की थी जांच
रांची : रामगढ़ जिले की तीन कंपनियों पर 11 माह में (13 मई 2013 से 30 मार्च 2014 तक) 53.20 करोड़ रुपये के 5600 ट्रक कोयले का अवैध कारोबार करने का आरोप है. इससे राज्य सरकार को 2.66 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. इन कंपनियों में भद्रकाली ट्रेडिंग, दक्षिणोश्वरी सेल्स और राशि ट्रेडिंग शामिल हैं. आरोप है कि भद्रकाली ट्रेडिंग ने 771 ट्रक, दक्षिणोश्वरी सेल्स ने 2158 ट्रक और राशि ट्रेडिंग ने 2671 ट्रक कोयला गलत तरीके से बिहार भेजा है. वाणिज्य कर विभाग ने रामगढ़ थाने में इससे संबंधित प्राथमिकी दर्ज करायी है.
फरजी परमिट तैयार किया : दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, चोरी का कोयला जाली कागजात और फरजी रोड परमिट तैयार कर बिहार भेजा गया. वाणिज्य कर विभाग को बिहार के वाणिज्य कर विभाग ने 25 मार्च 2014 को सूचित किया कि झारखंड की तीन कंपनियां बिहार में कम मूल्य पर कोयले की बिक्री कर रही हैं. इसके बाद तीनों कंपनियों की विस्तृत जांच शुरू की गयी. जांच टीम में वाणिज्य कर उपायुक्त संजय कुमार व अरविंद कुमार और अन्वेषण ब्यूरो के सहायक आयुक्त टीपी सिंह शामिल थे. जांच के दौरान टाटा स्टील (घाटो) से भी सूचनाएं हासिल की गयी.
बदल दिया बिल : जांच में पाया गया कि 11 महीने में 37202 कारोबार किये गये. इनमें 3486 मामले में ट्रक के बिहार में प्रवेश करने से पहले बिल को बदल दिया गया. जांच में तीनों कंपनियों की ओर से 5600 ट्रक कोयले के उत्खनन स्थल का पता नहीं चल रहा है. टाटा स्टील लिमिटेड ने विभाग को बताया कि 2013-14 में तीनों कंपनियों के साथ कोई कारोबार नहीं किया गया है. जांच में इसका भी पता चला कि 5600 ट्रकों से बेचे गये कोयले का मूल्य टाटा स्टील लिमिटेड के कोयले के प्रति ट्रक मूल्य से काफी कम है.
2087 ट्रकों का इस्तेमाल अवैध कोयला ढुलाई में
जांच में वाणिज्य कर विभाग को पता चला कि कोयले की अवैध ढुलाई में 2087 ट्रकों का इस्तेमाल किया गया. इनमें 1315 ट्रक झारखंड से निबंधित हैं. विभाग ने इसमें से 500 ट्रकों के मालिकों के नाम और पता की सूची भी प्राथमिकी के साथ संलग्न की है.