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जियोपार्क के रूप में विकसित होगा राजमहल का मंडरो

देवघर : झारखंड और खास तौर से संतालपरगना के लिये खुशखबरी है. जियोलॉजिकल सव्रे ऑफ इंडिया ने राजमहल स्थित मंडरो के कई हजारों वर्ष पुराने फॉसिल्स को नेशनल जियोलॉजिकल हेरिटेज साइट घोषित कर दिया है. इस आशय की पुष्टि जीएसआइ के महानिदेशक डॉ सुदेश कुमार माधवन ने की है. उन्होंने झारखंड के मुख्य सचिव को […]

देवघर : झारखंड और खास तौर से संतालपरगना के लिये खुशखबरी है. जियोलॉजिकल सव्रे ऑफ इंडिया ने राजमहल स्थित मंडरो के कई हजारों वर्ष पुराने फॉसिल्स को नेशनल जियोलॉजिकल हेरिटेज साइट घोषित कर दिया है. इस आशय की पुष्टि जीएसआइ के महानिदेशक डॉ सुदेश कुमार माधवन ने की है.

उन्होंने झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि झारखंड सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी करें और निर्देश दें कि मंडरो के फॉसिल्स को संरक्षण दिया जाये. वहां प्रोटेक्टेड का बोर्ड लगाया जाये और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये जायें.

फॉसिल्स का संरक्षण जरूरी

मंडरो के नेशनल जियोलॉजिकल हैरिटेज साइट घोषित होने पर जीएसआइ अब राज्य सरकार के सहयोग से इस इलाके को जियो पार्क के रूप में विकसित करेगी. पहले इसका संरक्षण जरूरी होगा. उसके बाद इस फॉसिल्स की वैज्ञानिक विशेषता की जानकारी लोगों तक पहुंचाना होगा.

जब जागरूकता आयेगी तो इस इलाके में जियो टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थानी लोगों के बीच रोजगार का भी सृजन होगा. क्योंकि यहां जो फॉसिल्स पाये गये हैं कई हजार साल पुराने हैं, दुर्लभ हैं. महानिदेशक ने मुख्य सचिव से कहा है कि राज्य सरकार इस इलाके में जियो टूरिज्म और जियो पार्क को बढ़ावा देकर इस ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण करने की दिशा में पहल करे, जियोलॉजिकल सव्रे ऑफ इंडिया इसके लिए राज्य सरकार को हर तरह का तकनीकी सहयोग देगी.

मंडरो के फॉसिल्स का इलाका प्रोटेक्टेड रहेगा

जीएसआइ के महानिदेशक ने कहा कि यह इलाका अब नेशनल प्रोटेक्टेड एरिया होगा. इस इलाके में फॉसिल्स के संरक्षण के हर उपाय किये जायेंगे. स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार और जियोलॉजिकल सव्रे ऑफ इंडिया इसके लिए मिलकर काम करेंगे.

जियोलॉजिकल सव्रे ऑफ इंडिया ने जारी की अधिसूचना

फॉसिल्स के लिए मंडरो नेशनल जियोलॉजिकल हेरिटेज घोषित

हजारों साल पुराने प्लांट फॉसिल्स हैं मंडरो में

जियो टूरिज्म की बढ़ेगी संभावना

महानिदेशक ने झारखंड के मुख्य सचिव को लिखा पत्र

डेढ सौ करोड़ साल पुराना है फॉसिल्स

राजमहल की पहाड़ियां 2600 वर्गफीट तक फैला हुआ है. इसी पहाड़ी की बेसिन में मंडरो में 68 से 150 करोड़ साल पुराना फॉसिल्स है. जियोलॉजिकल सव्रे ऑफ इंडिया ने इस एरिया की पूरी पड़ताल की है. टीम ने एक-एक ऐतिहासिक फॉसिल्स को देखा है और जांचोपरांत, माना कि यह फॉसिल्स काफी पुराना है. यह जुरासिक इरा का फॉसिल्स है. भूगर्भशास्त्री इससे मानव सभ्यता का पता लगायेगी.

जियो टूरिज्म से रोजगार का होगा सृजन : निशिकांत

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मंडरो के फॉसिल्स को नेशनल जियोलॉजिकल हेरिटेज साइट घोषित करवाने के लिए बहुत दिनों से प्रयास कर रहे थे. लोकसभा में इस आशय का मांग की थी. इस संदर्भ में कई ऐतिहासिक प्रमाण, रिपोर्ट सहित केंद्र सरकार और संबंधित विभाग को सौंपा था. अंतत: वर्तमान केंद्र सरकार ने इस फॉसिल्स के महत्व को समझा और यह नेशनल हैरिटेज घोषित हो गया. इससे जियोटूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार का सृजन होगा. वास्तव में यह झारखंड और संतालपरगना के लिए बड़ी बात है.

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