– जेपीएससी-2 के अफसरों को बड़ी राहत
– हाइकोर्ट को सीबीआइ जांच पर नियम सम्मत फैसला लेने को कहा
– अफसरों के काम नहीं करने और वेतन नहीं लेने के हाइकोर्ट के फैसले को किया निरस्त
– याचिका निष्पादित
रांची : सुप्रीम कोर्ट ने जेपीएससी की ओर से द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा के बाद नियुक्त किये गये अधिकारियों को जांच पूरी होने तक काम नहीं करने और वेतन नहीं लेने से संबंधित झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि वह इस मामले की सीबीआइ जांच के पक्ष में नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट को सीबीआइ जांच के मुद्दे पर नियम संगत निर्णय लेने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा की खंडपीठ ने हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर छह याचिकाओं (एसएलपी 19029/2012) की सुनवाई के बाद 11 जुलाई को ही यह आदेश दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया.
हाइकोर्ट के आदेश को पहले ही किया था स्थगित : खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाओं की सुनवाई के दौरान सीबीआइ के वकील की ओर से यह जानकारी दी गयी कि मामले की जांच प्रगति पर है. याचिकाकर्ताओं के वकील ने हाइकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी जो पारा 62 में वर्णित है. हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 2005 में जारी विज्ञापन संख्या-सात के माध्यम से नियुक्त जेपीएससी-2 के अधिकारी अदालत के अगले आदेश तक काम नहीं करेंगे और वेतन नहीं लेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश को पहले ही स्थगित कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद संबंधित अधिकारी फिलहाल काम कर रहे हैं. हाइकोर्ट सीबीआइ जांच की मॉनिटरिंग भी कर रहा है.
क्या है सुप्रीम कोर्ट के आदेश में
खंडपीठ मामले में सीबीआइ जांच के आदेश को रद्द करने का इच्छुक है. हाइकोर्ट इस मामले में नियम सम्मत कार्रवाई करे. साथ ही हाइकोर्ट के आदेश के पारा 62 में वर्णित तथ्यों को निरस्त किया जाता है.