एनआइए ने जबरन कोर्ट में बयान देने का बनाया दबाव
रांची : पटना व बोधगया ब्लास्ट मामले में आइएम के संदिग्ध मुजिबुल्ला के ओरमांझी स्थित चकला गांव के पांच युवकों ने नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) पर गंभीर आरोप लगाये हैं. अबु रेहान, तौकिर आलम, फैज अहमद फैज, इफ्तेखार अहमद व मुजिबुल्ला के बड़े भाई जिकुरुल्लाह ने एनआइए के अधिकारियों पर नंगा कर घंटों पीटने का आरोप लगाया है.
उनका आरोप है कि एनआइए निदरेष लोगों को फंसाने की कोशिश में है. युवकों के अनुसार उन्हें हाथ, मुक्कों व बेल्ट से पीट गया. किसी की एक घंटे तक, तो किसी की 45 मिनट तक पिटाई की गयी.
युवकों के अनुसार उन्हें एक राइट अप भी दिया गया. उसे याद कर वही गवाही न्यायाधीश के समक्ष बोलने का दबाव बनाया गया. मारपीट के बाद एनआइए के अफसरों ने एक कागज पर साइन भी करवाया, जिसमें लिखा था कि हमलोग पूछताछ के बाद सुरक्षित वापस जा रहे हैं. सभी युवक शुक्रवार को होटल सरताज में पत्रकारों को अपनी पीड़ा बता रहे थे. गौरतलब है कि मुजिबुल्ला को साथ लेकर आयी एनआइए की टीम ने 14 जुलाई को उन्हें पूछताछ के लिए हटिया सिंह मोड़ के समीप गेस्ट हाउस में बुलाया था.
मारपीट करने पर एनआइए की बात स्वीकारी
एसएस मेमोरियल के छात्र इफ्तेखार अहमद ने कहा कि नंगा कर एनआइए के तीन अधिकारियों (एक का सरनेम शर्मा जी) ने मुझे नंगा कर पीटा. पीटने के दौरान वह कह रहे थे कि तुमने मुजिबुल्ला को सीम दिया है, लेकिन इनकार करने पर भी पीटते रहे. बाद में उनके दबाव में हमने सीम देने की बात स्वीकार ली. हमसे यह भी पूछा गया कि मुजिबुल्ला व हैदर को एक साथ हमने देखा है. बाद में एक कागज पर लिखवाया गया कि जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जायेगा, हम उपस्थित होंगे. इससे पहले 11 नवंबर 2013 को आइबी ने गोंदा थाने में पूछताछ के लिए बुलाया था. वहां भी तौकिर आलम, फैज अहमद फैज व मुजिबुल्ला के बड़े भाई जिकुरूल्लाह के साथ वही सलूक किया गया.
मुजिबुल्ला को जानते हो…
अबु रेहान के अनुसार 13 जुलाई को ओरमांझी थाना ने सूचना दी कि 14 जुलाई को एनआइए ने पांचों युवकों को हटिया गेस्ट हाउस में बुलाया है. जब हम वहां पहुंचे, तो हमें बुला कर पूछा गया कि मुजिबुल्ला को जानते हो या नहीं. हमने कहा गांव का लड़का है, इसलिए जानते हैं. उसके बाद अफसर हमें नंगा कर हाथ-मुक्के से मारने लगे. बाद में एक पेज राइट अप हमें दिया गया. दबाव बनाया गया कि कागज में जो लिखा हुआ है,वहीं बयान कोर्ट में देना है, लेकिन हमलोग मुकर गये.
मुंबई में की थी पूछताछ: मो तौकिर आलम ने कहा कि पांच नवंबर 2013 को मैं मुंबई से ट्रेन से लौट रहा था तो एटीएस की टीम ने हमें नागपुर में पकड़ा था. मुझसे पूछा गया कि कहां-कहां रहे हो. भटकल से कितनी बार मिले हो. मुंबई में बम रखने का स्थान देख लिए. मैं नौकरी के लिए विदेश जाने के लिए मुंबई गया था. एक नवंबर 2013 को एनआइए की टीम गांव पहुंची थी. पिता के कहने पर मैं मुंबई से वापस आ रहा था.