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बंद होगा झारखंड का टेंटोपोशी प्रोजेक्ट!

जमशेदपुर: टाटा स्टील के झारखंड में होने वाले टेंटोपोशी प्रोजेक्ट को बंद करने की तैयारी कर ली गयी है. राज्य सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण को लेकर दिखायी गयी उदासी और किसी तरह का कोई माइंस नहीं मिलने के बाद कंपनी प्रबंधन ने लगभग आंतरिक तौर पर इसका खाका तैयार कर लिया है और इसके लिए […]

जमशेदपुर: टाटा स्टील के झारखंड में होने वाले टेंटोपोशी प्रोजेक्ट को बंद करने की तैयारी कर ली गयी है. राज्य सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण को लेकर दिखायी गयी उदासी और किसी तरह का कोई माइंस नहीं मिलने के बाद कंपनी प्रबंधन ने लगभग आंतरिक तौर पर इसका खाका तैयार कर लिया है और इसके लिए कदम भी उठा लिये हैं. झारखंड प्रोजेक्ट को बंद करने की टाटा स्टील की ओर से अधिकारिक जानकारी तो नहीं दी गयी है, लेकिन कंपनी प्रबंधन की ओर से इसके तहत झारखंड प्रोजेक्ट के चीफ विश्वजीत राय चौधरी को यहां से हटाकर टाटा स्टील यूरोप में पदस्थापित कर दिया है.

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी प्रबंधन ने झारखंड प्रोजेक्ट के चीफ के पद को ही समाप्त कर दिया है और किसी का पदस्थापन भी नहीं किया है. चीफ को हटे हुए करीब दो से तीन माह का समय बीत चुका है. उनके अधीनस्थ अधिकारियों की रिपोर्टिग भी बदल दी गयी है तो कुछेक का तबादला भी किया गया है.

इसी तरह एक जुलाई 2014 से ही इस प्रोजेक्ट में आइएल 4 स्तर के अधिकारी वी रामकृष्ण को सीनियर मैनेजर प्रोजेक्ट झारखंड स्टील प्रोजेक्ट के चीफ से हटा दिया गया है और उनको चीफ कारपोरेट रिलेशन को रिपोर्ट करने को कहा गया है, जो पहले चीफ झारखंड स्टील प्रोजेक्ट को रिपोर्ट करते थे. इसी तरह 15 मई 2014 से झारखंड स्टील प्रोजेक्ट के आइएल 4 स्तर के अधिकारी सीनियर मैनेजर ट्रेनिंग एंड रिहैबिलिटेशन देवाशीष चटर्जी का तबादला भी कर दिया गया है. उनको कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी विभाग में सीनियर मैनेजर स्किल डेवलपमेंट बनाया गया है. उनके स्थान पर भी किसी का पदस्थापन नहीं किया गया है. ये सारे बदलाव के बाद प्रोजेक्ट में किसी तरह का कोई पदस्थापन भी नहीं किया गया है और लगभग यह तैयारी है कि इसको बंद कर दिया जाये. हालांकि, इसको लेकर कंपनी प्रबंधन या उनके प्रवक्ता ने किसी तरह की कोई अधिकारिक जानकारी देने से साफ इनकार किया है.

ओड़िशा सरकार ने दिखायी तेजी, अगले वित्तीय वर्ष में शुरू हो जायेगा उत्पादन : ओड़िशा के कलिंगानगर में भी टाटा स्टील की ओर से प्लांट लगाने का एमओयू हुआ था. वित्तीय वर्ष 2004 में ओड़िशा सरकार के साथ एमओयू हुआ, जिसके बाद इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट की ओर से कुछ जमीन उपलब्ध करायी गयी. पुर्नवास का मामला भी आया, वहां भी विरोध हुआ, लेकिन सरकार ने कंपनी का साथ दिया और वहां अब प्लांट लगने का काम तेज हो चुका है और करीब 20 हजार लोगों को सीधे तौर पर कंपनी से लाभ मिलने लगा है. टाटा स्टील वहां 6 मिलियन टन का प्रोजेक्ट अभी शुरू कर रही है और अगले वित्तीय वर्ष में इसका उत्पादन भी शुरू हो जायेगा.

क्या था झारखंड टेंटोपोशी प्रोजेक्ट

2005 में झारखंड सरकार के साथ टाटा स्टील की सरायकेला-खरसावां जिले के टेंटोपोशी में 12 मिलियन टन का स्टील प्लांट लगाने की योजना थी

एक नया शहर टेंटोपोशी के आसपास जमशेदपुर की तर्ज पर बसाया जाना था

करीब 50 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलने वाला था

क्यों नहीं लग पाया प्रोजेक्ट

जमीन अधिग्रहण को लेकर किसी तरह का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया

जमीन अधिग्रहण को लेकर होने वाली सुनवाई में हंगामा होता रहा

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