रांची: झारखंड में अब तक नक्सली हिंसा में 1434 आम लोग मारे जा चुके हैं. इनमें से करीब 200 मृतकों के आश्रितों को ही सरकारी नौकरी मिल पायी. 1200 से अधिक मृतकों के आश्रित अब भी नौकरी से वंचित हैं. नक्सली हिंसा में मारे गये लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने का भी प्रावधान है.
400 से अधिक मृतकों के आश्रितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है.
उल्लेखनीय है कि नक्सलियों द्वारा आम लोगों की हत्या करने पर मृतक के परिजन को नौकरी व मुआवजा देने का प्रावधान है. मृतक के आश्रित को केंद्र सरकार तीन लाख और राज्य सरकार एक लाख रुपये मुआवजा देती है. सरकारी नौकरी देने का प्रावधान वर्ष 2003 में लागू किया गया था. नौकरी व मुआवजा के लिए एक शर्त यह है कि मृतक या उसके आश्रित का पूर्व का आपराधिक रिकार्ड न हो.