रांची: हवाई जहाज से देवघर में बाबा दर्शन कराने की योजना कारगर होते नहीं दिख रही है. राज्य सरकार और फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के बीच सब्सिडी की राशि को लेकर विवाद हो गया है.
इससे योजना के शुरू होने पर संशय है. चेंबर की ओर से योजना आरंभ करने के लिए 10 लाख रुपये की सब्सिडी मांगी गयी थी. नगर विकास सह पर्यटन मंत्री ने सब्सिडी देने पर सहमति भी जता दी थी. लेकिन, बाद में सब्सिडी की राशि निर्गत करने को लेकर विवाद हो गया. सूत्र बताते हैं कि सरकार द्वारा राशि देने में किये जा रहे विलंब के कारण चेंबर ने अपना हाथ खींच लिया है. पर्यटन सचिव विष्णु कुमार के मुताबिक राज्य सरकार में एडवांस सब्सिडी देने का प्रावधान नहीं है. चेंबर से कहा गया था कि हर तीन दिन पर सरकार द्वारा एक लाख रुपये की सहायता निर्गत कर दी जायेगी.
परंतु, वह राशि एडवांस में मांग रहे हैं. ऐसा नहीं किया जा सकता है. इधर, चेंबर के पंकज चौधरी ने कहा कि हवाई जहाज से एक व्यक्ति को दर्शन कराने में 18,000 रुपये का खर्च आता है. इसके अलावा विमान कंपनी को राशि एडवांस में देनी होती है. राज्य सरकार को इसकी जानकारी दी गयी थी. हालांकि बाद में सरकार की ओर से सब्सिडी की राशि निर्गत करने में आना-कानी की जाने लगी. इससे समस्या उत्पन्न हुई.
उधर, देवघर में ग्लाइडर के जरिये करायी जाने वाली आकाश परिक्रमा भी इस वर्ष शुरू होती नहीं दिख रही है. नागर विमानन विभाग के निदेशक कैप्टन एसपी वर्मा ने बताया कि आकाश परिक्रमा के लिए सरकार के पास कोई छोटा विमान या चॉपर नहीं है. गत वर्ष आकाश परिक्रमा के लिए इस्तेमाल में लाया गया ग्लाइडर दुघर्टनाग्रस्त हो गया था. उसकी मरम्मत अब तक नहीं हो सकी है. मालूम हो कि पिछले साल आकाश परिक्रमा के लिए सरकार ने ग्लाइडर दिया था. इसके तहत 800 रुपये खर्च कर कोई भी व्यक्ति आसमान से बाबा मंदिर की परिक्रमा कर सकता था.