सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर सीएम ने कहा
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार के एक वर्ष में पांच से छह माह व्यवस्था पर पकड़ बनाने में ही बीत गये. शेष छह माह में विकास को रफ्तार देने की कोशिश की गयी. सहयोगियों को साथ लेकर अनछुये पहलुओं को छूने का प्रयास किया गया. रोजगार और विकास से जुड़े मुद्दों पर प्रमुखता से काम किया गया. रोजगार सृजन का प्रयास हुआ.
योजनाओं को गति दी गयी. झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान दिया गया. आंदोलनकारियों को खोज कर उन्हें नौकरी प्रदान की गयी. नियुक्ति के रास्ते खोले गये. भूमिहीनों को जमीन का पट्टा दिया गया. पंचायतों को अधिकार दिये गये. जनप्रतिनिधियों को सम्मान मिला. बुजुर्गो को पेंशन दी गयी. सहियाओं को साइकिल प्रदान की गयी. डॉक्टरों की नियुक्ति हुई.
गांव और शहरों पर बराबर ध्यान : मुख्यमंत्री ने कहा : शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता खोजा गया. मदरसों को अनुदान दिये गये. राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष में ऐसे मामलों पर काम किया है, जो राज्य गठन के बाद से ही लंबित चल रहे थे. गांव और शहर पर बराबर ध्यान दिया गया है. गांवों में विकास के रास्ते खोले गये हैं. सरकार को पता है कि विकास के पैमाने और परिभाषा शहर व गांव में एक ही होने चाहिए. आंदोलनकारी दल होने के नाते झामुमो ने आम आदमी की परेशानियों को नजदीक से देखा है. आम आदमी को संपन्न और खुश करने के लिए काम किया जा रहा है.
स्थानीय नीति का निर्धारण जल्द : मुख्यमंत्री ने कहा : स्थानीय नीति और नियुक्ति दो अलग-अलग विषय हैं. सरकार दोनों पर गंभीर है. स्थानीय नीति बनाने में सभी तकनीकी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है. कोशिश है कि सरकार के इसी कार्यकाल में बचे समय में स्थानीय नीति निर्धारित कर ली जाये. स्थानीय नीति से नियुक्तियों का कोई लेना-देना नहीं है. राज्य में बहुत जल्द 30 से 40 हजार शिक्षकों के अलावा वनरक्षियों की भी नियुक्ति की जायेगी.
एम्स को झारखंड लाने का प्रयास
राज्य में एम्स बनाने को लेकर उत्पन्न मतभेद के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा : इस पर सरकार में कोई मतभेद नहीं है. केंद्र सरकार ने तीन प्रस्ताव मांगे हैं. प्रस्ताव भेजे जाने के बाद केंद्र सरकार निर्णय लेगी कि एम्स कहां बनेगा. राज्य में 200 एकड़ के हिसाब से 600 एकड़ जमीन तलाशना काफी मुश्किल काम है. इतनी बड़ी जगह देने के लिए लोगों में सहमति बनानी भी जरूरी है. सरकार का प्रयास है कि एम्स झारखंड में जरूर आये.
जमीन अधिग्रहण समस्या नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या जमीन अधिग्रहण की समस्या राज्य के विकास में रुकावट ला रही है, मुख्यमंत्री ने कहा : झारखंड में जमीन अधिग्रहण की समस्या कभी नहीं रही. यहां खान और उद्योगों के लिए पहले ही काफी जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. अब अलग राज्य बनने के बाद लोग थोड़ा जागरूक हुए हैं. वह अपना अधिकार मांगते हैं. अभी तक वे ठगे जा रहे थे. इस वजह से उनके अंदर आक्रोश है. सरकार समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रही है. कई उद्योगों ने भी इस बारे में सरकार से शिकायत की है. सहयोगी दलों के साथ विमर्श किया जा रहा है. जमीन अधिग्रहण पर आम सहमति बनाये जाने की जरूरत है. जब तक लोग स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, इस समस्या का समाधान नहीं होगा. विकल्प खोजने तक इससे निजात पाना मुश्किल है. उन्होंने कहा : सरकार पूरी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रही है. हमारे पास समय काफी कम है. कम समय में ही अधिक चीजों को दुरुस्त करने का प्रयास हो रहा है.
चुनाव को लेकर रेस नहीं
यह पूछे जाने पर कि पिछले कुछ दिनों से सरकार ज्यादा रेस है, क्या इसे विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जाना चाहिए, मुख्यमंत्री ने कहा : सरकार अपना काम कर रही है. इसे चुनाव से जोड़ कर देखना गलत है. आज विकास को छोड़ कर कोई दूसरा मुद्दा नहीं है. विकास करो, चुनाव में जाओ. काम करो, चुनाव में जाओ. काम नहीं करनेवालों के लिए जनता के बीच कोई जगह नहीं है. राज्य सरकार कम समय का सही उपयोग करते हुए विकास की बातों को परिलक्षित करने का प्रयास कर रही है.
हेमंत सोरेन ने गिनायी सरकार की उपलब्धियां
– सिर्फ छह माह में वर्षो से रुके काम किये गये
– रोजगार और विकास से जुड़े मुद्दों पर प्रमुखता से काम हुआ
– स्थानीय नीति से नियुक्तियों का कोई लेना-देना नहीं