रांची: प्रीति मामले में अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट और केस डायरी सहायक लोक अभियोजक (पीपी) को सौंप दी है. रिपोर्ट में प्रीति के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के आरोप में जेल में बंद अजीत, अमरजीत और अभिमन्यु को निदरेष बताया गया है.
जानकारी के मुताबिक सहायक लोक अभियोजक की ओर से मंगलवार को यह रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जायेगी. उल्लेखनीय है कि गत 15 फरवरी को बुंडू पुलिस ने रांची-टाटा रोड के किनारे से एक महिला का शव बरामद किया था. प्रीति के पिता ने बरामद शव की शिनाख्त अपनी बेटी प्रीति के रूप में की थी. प्रीति विगत 14 फरवरी से लापता थी. इस मामले में चुटिया में सनहा दर्ज किया गया था.
प्रीति के पिता के द्वारा बुंडू में मिले शव की पहचान प्रीति के रूप में किये जाने के बाद चुटिया थाना की पुलिस ने अजीत और अमरजीत को गिरफ्तार किया, फिर दोनों के साथ मारपीट की. जबरन कबूल करवाया कि उन्होंने ही अभिमन्यु के साथ मिल कर प्रीति के साथ पहले गैंग रेप किया, फिर उसकी हत्या कर दी. गत 14 फरवरी को प्रीति के जिंदा मिलने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. प्रीति के जिंदा मिलने के बाद डीजीपी राजीव कुमार ने निदरेष युवकों को फंसाने के मामले में चुटिया थानेदार कृष्ण मुरारी, बुंडू थाना के प्रभारी संजय कुमार और मामले के अनुसंधानक सुरेंद्र कंडुलना को निलंबित करने का आदेश दिया था. साथ ही मामले की सीआइडी से जांच कराने का आदेश दिया था.
रीता मिश्र और एसबी शर्मा की अदालत में होगी सुनवाई
प्रीति मामले में मंगलवार को एजेसी सह महिला फास्ट ट्रैक रीता मिश्र की अदालत में दोषमुक्त किये जाने के मामले की और न्यायिक दंडाधिकारी (जेएम) एसबी शर्मा की अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. लोक अभियोजक एलिजाबेथ हेम्ब्रम ने बताया कि अभिमन्यु की जमानत के लिए केस डायरी की मांग की गयी है.
प्रीति ने युवकों को बताया था निदरेष
गौरतलब है कि 14 जून को प्रीति जिंदा लौट आयी थी. इसके बाद उसने अपने बयान में कहा था कि अजीत, अमरजीत व अभिमन्यु निदरेष हैं. उसने 18 जून को न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार शर्मा की अदालत में 164 का बयान दर्ज कराया था.
गलत तथ्यों से हुई चूक: 20 जून को बुंडू पुलिस की ओर से केस के अनुसंधानकत्र्ता ने अंतिम रिपोर्ट जेएम एसबी शर्मा की अदालत में पेश की थी. इसमें पुलिस ने माना था कि गलत तथ्यों के कारण इस प्रकार की चूक हुई. इस वजह से अनुसंधान की दिशा बदल गयी थी.
बाद में उनकी रिहाई का मामला प्रधान न्यायायुक्त एसएच काजमी की अदालत में भेज दिया गया था. इसी बीच अमरजीत ने दो बार पुलिस कस्टडी में रामलखन सिंह यादव कॉलेज में बीए पार्ट टू की परीक्षा भी दी. इतने दिन बीत जाने के बाद भी तीनों युवको के रिहा नहीं होने से उनके परिजन भी परेशान हैं.