खूंटी : श्रावण मास नजदीक आते ही अंगराबाड़ी स्थित बाबा आम्रेश्वर धाम में जल चढ़ाने सहित पूजन कार्य के लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. ऐसे तो यहां सालों भर श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है, लेकिन श्रावण मास में इसकी महत्ता और बढ़ जाती है. बड़ी संख्या में लोग जलाभिषेक के लिए यहां पहुंचते हैं. पूरा मंदिर परिसर बोल बल के जयघोष से गुंजायमान रहता है.
मान्यता है कि इस धाम में जिसने भी सच्चे मन से पूजा की, बाबा उसकी मन्नत अवश्य पूरी करते हैं. यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष यहां श्रद्धालुओं की बढ़ती जा रही है. आम्रेश्वरधाम के शिवलिंग के बारे में एक पुरानी कथा है. वर्षो पूर्व अंगराबाड़ी पथ से होकर आर साहू नामक एक यात्री बस चलती थी. इस क्रम में बस यहां कुछ देर के लिए रूकती थी. एक दिन बस मालिक लघुशंका के लिए समीप के झाड़ी में गये, तो झाड़ी के अंदर से एक अजीब आवाज सुनायी दी. उत्सुक होकर वे वहां गये, तो पाया कि झाड़ी के अंदर एक शिवलिंग है. उन्होंने झाड़ियांे की सफाई करा कर वहां शिवलिंग की आराधना करनी शुरू कर दी. तब से यह शिवलिंग भक्तों के बीच आस्था का केंद्र बना है.