गिरिडीह : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी निरजा आसरी की अदालत ने शुक्रवार को साइबर अपराध के एक मामले में बेंगाबाद के रातडीह निवासी सिंटू मंडल पिता मुरली मंडल को विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनायी है. 28.10.2017 को बेंगाबाद थाना में कांड संख्या 382/17 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
मामले में थाना प्रभारी ने बताया कि पूछताछ के लिए सिंटू मंडल को थाना बुलाया गया था. थाना में उसने पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष अपना अपराध कबूल किया. इसके बाद सिंटू मंडल के घर पर पुलिस ने छापेमारी की. उसके घर से पुलिस को मोबाइल बरामद हुआ. इसी मोबाइल के जरिये वह लोगों को ठगने का काम करता था.
सिंटू बैंक अधिकारी बनकर लोगों से एटीएम बंद होने का झांसा देकर एटीएम का कोड तथा ओटीपी नंबर हासिल करता था और ग्राहकों के बैंक खाते से पैसे की निकासी कर लेता था. इसके बाद बेंगाबाद थाना पुलिस ने सिंटू मंडल के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक रविशंकर चौधरी ने बारह गवाहों के बयान का अदालत में परीक्षण कराया. अदालत ने धारा 467 आइपीसी में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व दस हजार रुपये का जुर्माना किया है. जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की सजा काटनी होगी. अदालत ने धारा 420, 468 व 471 दो-दो वर्ष की सजा व दस-दस हजार रुपये का जुर्माना किया.
इसमें जुर्माना की राशि नहीं भरने पर दो माह की सजा काटनी होगी. धारा 419 आइपीसी में एक वर्ष का सश्रम कारावास व दस हजार का जुर्माना किया गया है. जुर्माना नहीं देने पर एक माह की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. आइटी एक्ट 66सी में दो वर्ष की सजा व 66डी में भी दो वर्ष की सजा अदालत में सुनायी है. साथ ही दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. जुर्माना नहीं देने पर दो माह की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. अदालत ने कहा कि सभी सजाएं अलग-अलग चलेगी.