रांची : विधि विभाग ने न्यायिक जांच में कृषि मंत्री योगेंद्र साव का पक्ष पेश करनेवालेवकील का फीस देने से इनकार कर दिया है. अब मंत्री इस मामले में मंत्रिमंडल सचिवालय से राय मांग रहे हैं. मंत्री ने क्रिकेट मैच के दौरान हुई घटना की न्यायिक जांच में वकील के माध्यम से अपना पक्ष पेश किया था.
जेएससीए स्टेडियम में मंत्री और आयोजकों के बीच विवाद हुआ था. 26 सितंबर 2013 को चेन्नई सुपर किंग मैच के दौरान मंत्री अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ स्टेडियम में घुस गये थे. मंत्री व उनके अंगरक्षकों पर खिलाड़ियों के पारिवारिक सदस्यों के लिए आरक्षित कुरसी पर कब्जा करने का भी आरोप है. दूसरी तरफ मंत्री की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि रांची के तत्कालीन वरीय आरक्षी अधीक्षक साकेत कुमार सिंह और मैच देख रहे आइजी आरके मल्लिक ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था.
मामले में विवाद बढ़ने पर सरकार ने इसकी न्यायिक जांच का आदेश दिया था. न्यायिक जांच में अपना पक्ष पेश करने के लिए मंत्री ने अपने स्तर से एक वकील रख लिया था. इसके बाद सरकार से 36 हजार रुपये बतौर फीस की मांग की. कृषि विभाग ने इस मामले को विधि विभाग के पास भेज दिया. विधि विभाग ने कहा कि मामला न तो राज्यहित और न ही राजकीय कामकाज से संबंधित है, इसलिए इस मामले में वकील का फीस सरकार नहीं दे सकती है. अब मंत्री कह रहे हैं कि यह मामला मंत्री के मान मर्यादा से जुड़ा हुआ है.