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रांची से शिफ्ट होंगे निदेशालय: हेमंत सोरेन

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के प्रशासनिक ढांचों में बदलाव के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. इसके तहत रांची में स्थित कई निदेशालयों को दुमका और पलामू सहित दूसरे जिलों में शिफ्ट किया जायेगा. पहले चरण में स्वास्थ्य, समाज कल्याण, शिक्षा व ग्रामीण विकास से जुड़े निदेशालयों को शिफ्ट किया जायेगा. वहीं, ग्रामीण कार्य […]

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के प्रशासनिक ढांचों में बदलाव के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. इसके तहत रांची में स्थित कई निदेशालयों को दुमका और पलामू सहित दूसरे जिलों में शिफ्ट किया जायेगा. पहले चरण में स्वास्थ्य, समाज कल्याण, शिक्षा व ग्रामीण विकास से जुड़े निदेशालयों को शिफ्ट किया जायेगा. वहीं, ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय को भी दूसरे जिले में ले जाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने इससे संबंधित आदेश दे दिये हैं.

क्या है सीएम की सोच : रांची के अलावा दूसरे जिलों में सरकारी तंत्र की गतिविधियां बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने यह फैसला किया है. मुख्यमंत्री की सोच है कि दूसरे जिलों में निदेशालय होने से उन जिलों की मॉनीटरिंग भी बेहतर होगी. सचिवालय नीतिगत फैसलों के लिए होता है और निदेशालय क्रियान्वित करनेवाली एजेंसी है. रांची में दोनों के होने से निदेशालय सचिवालय का उप कार्यालय बन कर रह गया है. इस कारण निदेशालय स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहा है.

मुख्यमंत्री के 12 महत्वपूर्ण निर्देश

वनरक्षियों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव दें

खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति के लिए नियमावली बनायें

खास महल लीज नवीनीकरण को सरलीकरण व विकेंद्रीकरण किया जाये

आदिवासी परामर्शदात्री समिति का गठन हो

मदरसा के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि

उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की जाये

सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पोशाक-जूता, बैग आदि दें

प्राथमिक शिक्षकों सहित अन्य शिक्षकों की बहाली हो

पंचायत स्तर पर कृषि उपकरणों का बैंक बनाये जायें

वनरक्षी नियुक्ति एजेंसी का चयन किया जाये

हाथी पीड़ितों के मुआवजे में वृद्धि की जाये

मदरसों में आधुनिक पढ़ाई (कंप्यूटर साइंस, गणित,साइंस, अंगरेजी) हो

मुख्य सचिव को पीत पत्र
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को पीत पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि विभाग के स्तर पर निष्पादित होनेवाले मामलों को समय सीमा के अंदर पूरा करें. जिन मामलों को कैबिनेट में लाने की जरूरत है, उन्हें तत्काल लाया जाये.

तीन दिन बाद सीएम करेंगे समीक्षा
मुख्यमंत्री तीन दिनों के बाद खुद सभी बिंदुओं की समीक्षा करेंगे. समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों के मंत्री व सचिव के अलावा मुख्य सचिव भी होंगे. समीक्षा बैठक में यह देखा जायेगा कि मामला कहां फंस रहा है. जहां भी मामला फंस रहा हो, उसे उसी बैठक में निष्पादित किया जायेगा.

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