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झारखंड में नक्सली अधिक हिंसक

रांची: नक्सली घटनाओं के मामले में झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार की स्थिति बदतर है. हाल के दिनों में देश में सबसे ज्यादा नक्सली घटनाएं झारखंड में हुई हैं. दूसरे नंबर पर बिहार व उसके बाद छत्तीसगढ़ है. केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो (सीआइबी) ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से […]

रांची: नक्सली घटनाओं के मामले में झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार की स्थिति बदतर है. हाल के दिनों में देश में सबसे ज्यादा नक्सली घटनाएं झारखंड में हुई हैं. दूसरे नंबर पर बिहार व उसके बाद छत्तीसगढ़ है. केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो (सीआइबी) ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह जानकारी दी. झारखंड की ओर से इसका कारण नक्सली व नक्सली के नाम पर बने विभिन्न ग्रुपों के बीच आपसी विवाद बताया गया.

बैठक में सीआइबी ने नक्सल प्रभावित राज्यों में हुई घटनाओं सहित अन्य तथ्यों को रखा. झारखंड के डीजीपी ने भी इस बिंदु पर राज्य का पक्ष रखा. उन्होंने भी कहा कि झारखंड में नक्सलियों और समानांतर गिरोहों के बीच हिंसक घटनाएं हुई हैं. झारखंड की ओर से इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती भी शामिल हुए.

केंद्रीय व राज्य बलों के बीच बेहतर तालमेल : सीएस

केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति और राज्य सरकार की पुलिस के साथ सामंजस्य की चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड में केंद्रीय बलों व राज्य बलों के बीच बेहतर तालमेल है. सारंडा में केंद्रीय बलों ने विधि-व्यवस्था के अलावा अन्य सामाजिक कार्यो में भी हिस्सा लिया है. इससे वहां की स्थिति बदली है. बैठक में ओड़िशा के डीजीपी ने केंद्रीय बलों और राज्य बल के बीच सामंजस्य के अभाव की बात उठायी. एसआरइ की समीक्षा के दौरान झारखंड की स्थिति ठीक पायी गयी. आइएपी में भी वित्तीय वर्ष 2013-14 से पहले झारखंड की स्थिति बेहतर पायी गयी. हालांकि 2013-14 में स्थिति चिंताजनक रही.

माइक्रोवेव टॉवर लगाने में मदद का आश्वासन

उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क बनाने के मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान मुख्य सचिव ने झारखंड के भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सड़क व पुल के मानक दर में बदलाव की बात कही. इस मुद्दे पर केंद्र की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि झारखंड में आवश्यकता पड़ने पर सीपीडब्लूडी यथाशीघ्र मानक दर में बदलाव कर देगा. बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार माइक्रोवेव टॉवर लगाने में हर संभव मदद करने का आश्वासन भारत सरकार ने दिया. बैठक में 10 राज्यों के मुख्य सचिव, डीजीपी के अलावा सेंट्रल इंटेलिजेंस ब्यूरो का एक दल और टोही विमान चलाने वाले सैन्य अधिकारियों का दल भी मौजूद था. इसके अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आइटीबीपी के डीजी और योजना आयोग, ग्रामीण विकास व गृह मंत्रलय के अधिकारी उपस्थित थे.

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