रांची: पलामू में बंद पड़ी सोकरा ग्रेफाइट माइंस के 455 कर्मचारियों को 1.27 करोड़ बकाया वेतन दिलाने संबंधी श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने खारिज कर दिया है. वित्त विभाग का कहना है कि निजी कंपनी का आर्थिक बोझ सरकार नहीं उठा सकती है.
राज्य में इस तरह की 33 इकाइयां हैं. अगर एक इकाई को सरकार ने अपने स्तर पर बकाया भुगतान कर दिया, तो अन्य इकाइयां भी इसकी मांग करेंगी. इससे सरकार पर अनावश्यक बोझ बढ़ेगा. वित्त विभाग ने कहा है कि बकाया भुगतान के मामले में कोर्ट ने सोकरा ग्रेफाइट माइंस के प्रबंधन को ही जिम्मेदारी दी है, सरकार को नहीं. मुख्य सचिव ने भी इस मामले की समीक्षा कर लिखा है कि ऐसा कोई नियम नहीं है, जिससे निजी कंपनी के कर्मचारियों का बकाया वेतन सरकार दे.
कैबिनेट में ले जाने की तैयारी : वित्त विभाग की ओर से प्रस्ताव खारिज किये जाने के बाद श्रम मंत्री श्री त्रिपाठी मामले को कैबिनेट की बैठक में ले जाने और झारखंड आकस्मिकता निधि (जेसीएफ) से कर्ज लेकर भुगतान करने की आवश्यक तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए वह विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति के आदेश को भी आधार बना रहे हैं. इससे पूर्व जनवरी में विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति ने भी सरकार को भुगतान करने का आदेश दिया है. हालांकि समिति को सरकार के लिए नीति बनाने का कोई अधिकार नहीं है.