रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर पांचवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (मेंस) पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया है. आयोग के सचिव की ओर से कार्मिक विभाग को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
प्रारंभिक परीक्षा में नियमानुसार आरक्षण रोस्टर लागू नहीं होता है. मुख्य परीक्षा में आरक्षण रोस्टर का अक्षरश: पालन किया जायेगा. प्रारंभिक परीक्षा में सुप्रीम कोर्ट सहित यूपीएससी, आंध्र प्रदेश व राजस्थान हाइकोर्ट के निर्देशों का पालन किया गया है. एक पद के विरुद्ध 13 गुना के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया है.
क्यों लगी है रोक : पीटी में अनुत्तीर्ण बीसी टू श्रेणी के कई उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी. कहा था कि आयोग ने पीटी में आरक्षण रोस्टर को नहीं माना. इससे 292 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा से वंचित रह गये हैं. झारखंड सरकार की आरक्षण नीति के तहत अगर कोई छात्र सामान्य कट ऑफ मार्क्स के बराबर या अधिक अंक लाता है, तो वह सामान्य केटेगरी में चला जाता है. एसटी / एससी/ ओबीसी केटेगरी में नहीं रहता है.
पर आयोग ने ऐसा नहीं किया, जो गलत है. आयोग ने बालोजी बनाम आंध्र प्रदेश और छत्तर सिंह बनाम राजस्थान मामले में हुए कोर्ट के फैसले के आधार पर रिजल्ट जारी किया है. बालोजी केस में एक ही सामान्य कट ऑफ मार्क्स रखने और प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट कुल सीटों का 50 गुना जारी करने का निर्देश दिया गया है. इसी प्रकार छत्तर सिंह केस में कहा गया है कि प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट 15 गुना होगा, लेकिन सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग का एक समान कट ऑफ मार्क्स होगा. जेपीएससी ने इसे भी लागू नहीं किया है. उम्मीदवारों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने आयोग से 16 जून से आरंभ होनेवाली मुख्य परीक्षा को स्थगित करने का आग्रह किया था. आयोग ने 14 जून को परीक्षा स्थगित करने की घोषणा कर दी. जेपीएससी ने आग्रह किया है कि मुख्य परीक्षा लेने की अनुमति दी जाये.
एसके सतपथी, प्रधान सचिव, कार्मिक विभाग