रांची: अलबर्ट एक्का चौक के समीप 1.25 एकड़ कैसर- ए- हिंद भूमि पर बने शास्त्री (रिफ्यूजी) मार्केट की निगरानी ने जांच पूरी कर ली है. जांच पूरी कर निगरानी एसपी विपुल शुक्ला ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है. अब सरकार को मामले में निर्णय लेना है. जांच के दौरान निगरानी ने पाया कि 1961 से पहले शरणार्थी के रूप में पहुंचे 44 लोगों को दुकान आवंटित की गयी थी. दुकान का आवंटन 10 वर्ष के लिए लीज पर किया गया था, लेकिन वर्तमान में दुकानों की संख्या बढ़ कर 121 हो गयी है. इसमें 70 दुकान लगान देते हैं.
निगरानी के जांच के दौरान यह भी पाया कि जिस जमीन पर शास्त्री मार्केट बना है, वहां कोई भूमि घोटाला नहीं हुआ है. सिर्फ दुकानों का लीज नवीकरण नहीं हुआ है. मामले में प्राथमिकी के लिए साक्ष्य नहीं है. इसके साथ ही मामला काफी पुराना है, जिन अधिकारियों ने लीज नवीकरण नहीं किया. वे भी काफी समय पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट
अलबर्ट एक्का चौक के समीप 1.25 एकड़ कैसर- ए- हिंद भूमि पर बना हुआ शास्त्री मार्केट
1961 से पहले शरणार्थी के रूप में पहुंचे 44 लोगों को दुकान आवंटित किया गया था
दुकानों का आवंटन 10 वर्ष के लिए लीज पर किया गया था
वर्तमान में दुकानों की संख्या बढ़ कर 121 हुई
वर्ष 1998 में शुरू हुई थी मार्केट की जांच
बिहार सरकार के निर्देश पर निगरानी ने शास्त्री मार्केट में हुए भूमि घोटाला के संबंध में मामला दर्ज किया था. इसकी जांच निगरानी के अधिकारी वर्ष 1998 से कर रहे हैं, लेकिन जांच में भूमि घोटाला की बात सामने नहीं आने पर निगरानी ने अपनी रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी है. जानकारी के अनुसार मामले में रांची डीसी की ओर से सरकार को एक पत्र भेज गया है. इसमें शास्त्री मार्केट के दुकानदारों से लगान निर्धारित करने के संबंध में सुझाव मांगा गया है. फिलहाल जांच पूरी होने पर निगरानी ने यह जांच बंद कर दी है.